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'अब तक 4-5 बार नोबल मिल जाना चाहिए था', नोबल शांति पुरस्कार के लिए ट्रंप ने फिर मचाया शोर

Donald Trump Nobel Peace Prize: ट्रंप ने एक बार फिर नोबल शांति पुरस्कार को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाया है और इसलिए अब तक उन्हें 4-5 बार नोबल पुरस्कार मिल जाना चाहिए था. उनका यह बयान पाकिस्तान द्वारा उन्हें 2026 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किए जाने के बाद आया है.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Donald Trump Nobel Peace Prize: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर नोबल शांति पुरस्कार को लेकर बड़ा दावा किया है. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय संघर्षों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है और उन्हें अब तक 4 या 5 बार नोबल पुरस्कार मिल जाना चाहिए था. उनका यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान ने हाल ही में उन्हें 2026 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से नामांकित किया है. पाकिस्तान ने भारत-पाक तनाव के दौरान ट्रंप की निर्णायक कूटनीतिक भूमिका और नेतृत्व की सराहना करते हुए यह नामांकन किया.

पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, "मुझे रवांडा के लिए नोबल पुरस्कार मिलना चाहिए था, और अगर आप देखेंगे तो कांगो, सर्बिया, कोसोवो बहुत सारी जगहें हैं. लेकिन सबसे बड़े उदाहरण भारत और पाकिस्तान हैं. मुझे यह पुरस्कार चार या पांच बार मिल जाना चाहिए था."

पाकिस्तान ने की ट्रंप की खुलकर तारीफ

पाकिस्तान सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक आधिकारिक बयान जारी करते हुए ट्रंप को 2026 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया. बयान में कहा गया, "राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप हाल के भारत-पाकिस्तान संकट के दौरान अपने निर्णायक कूटनीतिक हस्तक्षेप और महत्वपूर्ण नेतृत्व के लिए 2026 में नोबल शांति पुरस्कार के हकदार हैं।"

यह दावा ऐसे समय सामने आया है जब भारत सरकार कई बार ट्रंप के दावों को या तो खारिज कर चुकी है या कमतर बताती रही है.

ट्रंप ने कांगो-रवांडा संधि का किया जिक्र

अपने बयान में ट्रंप ने डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो और रवांडा के बीच संभावित शांति समझौते का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि यह समझौता सोमवार को हस्ताक्षरित किया जाएगा और इसका श्रेय उनकी सरकार को जाता है. हालांकि, अब तक किसी स्वतंत्र स्रोत ने अमेरिका की इसमें कोई भूमिका होने की पुष्टि नहीं की है.

नोबल चयन पर पक्षपात का आरोप

ट्रंप ने नोबल शांति पुरस्कार चयन प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "वे मुझे नोबल शांति पुरस्कार नहीं देंगे क्योंकि वे इसे केवल उदारवादियों को देते हैं।" उनका मानना है कि नोबल समिति राजनीतिक झुकाव के आधार पर पुरस्कार देती है, इसीलिए उन्हें अब तक यह सम्मान नहीं मिला.

पहले भी हो चुके हैं नामांकित

हालांकि ट्रंप को पहले भी नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया जा चुका है, खासकर अब्राहम समझौते (Abraham Accords) के लिए, जिसमें इजरायल और कई अरब देशों के बीच रिश्ते सामान्य हुए थे. इसके बावजूद उन्हें अब तक यह पुरस्कार नहीं मिला है.

नोबल समिति की कोई प्रतिक्रिया नहीं

नोबल शांति पुरस्कार हर साल नॉर्वेजियन नोबल कमेटी द्वारा उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने वैश्विक शांति और संघर्ष समाधान में उल्लेखनीय योगदान दिया हो. अभी तक समिति ने ट्रंप के दावों या उनके नामांकन पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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21 June 2025, 01:35 PM IST

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