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'भारत-पाकिस्तान युद्ध रोकने के लिए नहीं मिलेगा नोबल...', आखिर क्यों सोशल मीडिया पर छलका ट्रंप का दर्द?

Donald Trump Nobel Peace Prize: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. यह बयान उन्होंने पाकिस्तान द्वारा उन्हें 2026 के नोबेल के लिए नामांकित किए जाने के बाद दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही इस दावे को खारिज कर चुके हैं.

Shivani Mishra
Edited By: Shivani Mishra

Donald Trump Nobel Peace Prize: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर विवादित दावा किया है कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोका, लेकिन इसके बावजूद उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. यह दावा उन्होंने उस वक्त दोहराया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही इस बात का खंडन कर चुके हैं कि अमेरिका या ट्रंप की इस मुद्दे पर कोई भूमिका रही है.

ट्रंप का यह बयान तब सामने आया है जब पाकिस्तान ने औपचारिक रूप से उन्हें वर्ष 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है. ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लंबा पोस्ट लिखते हुए खुद को एक वैश्विक शांति निर्माता के रूप में पेश किया.

फिर दोहराया भारत-पाक युद्ध रोकने का दावा

डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा, "मैं भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को रोकने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार नहीं पाऊंगा... चाहे मैं कुछ भी कर लूं, मुझे नोबेल नहीं मिलेगा." यह बयान उन्होंने उन तमाम शांति प्रयासों की सूची गिनाते हुए दिया, जिनका श्रेय वह खुद को देते हैं.

हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में स्पष्ट किया था कि पाकिस्तान के साथ तनाव के दौरान अमेरिका की ओर से किसी भी प्रकार की मध्यस्थता या हस्तक्षेप की चर्चा नहीं हुई थी. भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह संघर्षविराम पाकिस्तान के आग्रह पर हुआ था, और यह सीधा भारत-पाकिस्तान के बीच हुआ समझौता था.

ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने की थी बड़ी कार्रवाई

गौरतलब है कि भारत ने पाकिस्तान की कई अहम सैन्य ठिकानों और एयरबेस पर हवाई हमले किए थे, जिसे ऑपरेशन सिंदूर कहा गया. इसके बाद पाकिस्तान ने संघर्षविराम के लिए भारत से संपर्क किया, जिस पर दोनों देशों में सीधी बातचीत से सहमति बनी.

अफ्रीका में शांति समझौते का जिक्र

ट्रंप ने अपने पोस्ट की शुरुआत अफ्रीकी देशों रवांडा और कांगो के बीच हुए शांति समझौते से की. उन्होंने लिखा, "रवांडा और कांगो के प्रतिनिधि सोमवार को वाशिंगटन में दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करेंगे. यह अफ्रीका और पूरी दुनिया के लिए एक महान दिन है!" इस समझौते की मध्यस्थता अमेरिका और कतर ने की है.

"कुछ भी कर लूं, नोबेल नहीं मिलेगा"- ट्रंप

ट्रंप ने कहा, "चाहे मैं कुछ भी कर लूं, मुझे नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा. लेकिन लोग जानते हैं कि मैंने क्या किया है, और मेरे लिए वही मायने रखता है." उन्होंने आगे लिखा कि उन्हें सर्बिया-कोसोवो, इजिप्ट-इथियोपिया और इजरायल-अरब देशों के बीच संबंध सामान्य करने के लिए भी श्रेय मिलना चाहिए.

अब्राहम समझौते का भी लिया क्रेडिट

अपने कार्यकाल में इजरायल और कई अरब देशों के बीच हुए ऐतिहासिक अब्राहम समझौते का भी श्रेय ट्रंप ने लिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने रूस-यूक्रेन और इजरायल-ईरान जैसे संघर्षों को भी सुलझाने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कोई अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिल रही है.

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पोस्ट के अंत में लिखा, "नोबेल शांति पुरस्कार तो मुझे कभी नहीं मिलेगा, लेकिन लोग जानते हैं कि कौन सच्चा शांति निर्माता है. यही मेरे लिए सबसे बड़ी बात है."

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21 June 2025, 01:13 PM IST

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