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ईरान-इजराइल टकराव के बीच पुतिन का बड़ा बयान, 20 देशों को दी खास हिदायत

ईरान-इजराइल युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने ओपेक प्लस के 20 देशों को हिदायत दी है कि तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद कोई तात्कालिक एक्शन न लें. पुतिन ने कहा कि बाज़ार अब भी संतुलित है, जल्दबाज़ी में कोई फैसला नहीं करना चाहिए.

Dimple Yadav
Edited By: Dimple Yadav

मिडिल ईस्ट में ईरान और इज़राइल के बीच चल रहा युद्ध अब एक निर्णायक और ख़तरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है. जहां एक ओर ईरान बार-बार धमकी दे रहा है और अपनी मिसाइल ताकत का प्रदर्शन कर रहा है, वहीं इज़राइल भी पीछे हटने के मूड में नहीं है. अरबों डॉलर खर्च कर इज़राइल लगातार ईरानी ठिकानों को निशाना बना रहा है. ऐसे में इस भयंकर युद्ध के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का एक अहम बयान सामने आया है, जिसने ग्लोबल एनर्जी मार्केट को राहत दी है और रणनीतिक संकेत भी दे दिए हैं.

शुक्रवार को सेंट पीटर्सबर्ग इकोनॉमिक फोरम में बोलते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने ओपेक+ समूह के 20 देशों को स्पष्ट सलाह दी कि फिलहाल तेल बाजारों में किसी तरह के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि ईरान-इज़राइल संघर्ष के बावजूद तेल की कीमतों में जो बढ़ोतरी हुई है, वह फिलहाल “सहनशील” है और इसके लिए कोई कठोर कदम उठाने की जरूरत नहीं.

पुतिन ने 20 ओपेक देशों को दी सलाह

पुतिन ने कहा कि तेल की कीमतें पहले जहां 65 डॉलर प्रति बैरल थीं, वहीं अब यह 75 डॉलर तक पहुंच गई हैं. यह बढ़ोतरी असामान्य नहीं है, और विशेषज्ञों के मुताबिक अभी बाज़ार संतुलन में है. उन्होंने कहा, “हम सब मिलकर देखेंगे कि हालात कैसे आगे बढ़ते हैं, फिलहाल कोई जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए.”

कौन-कौन हैं ये 20 देश?

पुतिन की सलाह ओपेक+ के उन 20 देशों के लिए थी, जो वैश्विक तेल उत्पादन में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इन देशों में अल्जीरिया, कांगो, इराक, कुवैत, नाइजीरिया, सऊदी अरब, यूएई, वेनेजुएला, मैक्सिको, ओमान, मलेशिया, ब्रुनेई, बहरीन, अजरबैजान, कजाखस्तान, दक्षिण सूडान, सूडान, गैबॉन, लीबिया और इक्वेटोरियल गिनी शामिल हैं.

ईरान पर मंडरा रहा खतरा

ईरान, जो ओपेक का तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक देश है, इस समय युद्ध के कारण खतरे में है. यदि ईरानी तेल की आपूर्ति बाधित होती है तो इससे वैश्विक तेल बाज़ार में भारी उथल-पुथल मच सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि यदि संघर्ष बढ़ा, तो तेल की कीमतें 200 से 300 डॉलर तक पहुंच सकती हैं, जिससे पूरी दुनिया में महंगाई की सुनामी आ सकती है.

पुतिन का संदेश: संयम से काम लें

रूस पहले से ही यूक्रेन युद्ध में उलझा है, लेकिन इसके बावजूद पुतिन ने मिडिल ईस्ट पर अपनी कूटनीतिक पकड़ दिखाते हुए चेतावनी दी कि अभी कोई तात्कालिक कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है. उनका मानना है कि धीरे-धीरे उत्पादन बढ़ाकर बाज़ार को स्थिर किया जा सकता है, जिससे वैश्विक संकट से बचा जा सकेगा.

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21 June 2025, 12:23 PM IST

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