27 साल पहले छोड़ा हैदराबाद, ईसाई महिला से की शादी...साजिद के बारे में क्या बोली तेलंगाना पुलिस
सिडनी के बोंडी बीच आतंकी हमले की जांच में सामने आया है कि आरोपी साजिद अकरम और उसके बेटे के अंतरराष्ट्रीय संपर्क, फिलीपींस यात्रा और पारिवारिक पृष्ठभूमि की गहन जांच की जा रही है, जबकि हमले को आईएस से प्रेरित बताया गया है.

नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोंडी बीच पर हुए भयावह आतंकी हमले को लेकर जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे आरोपियों के अतीत और उनकी गतिविधियों से जुड़े कई अहम तथ्य सामने आ रहे हैं. जांच एजेंसियां अब हमलावर साजिद अकरम और उसके बेटे नवीद अकरम की निजी जिंदगी, पारिवारिक पृष्ठभूमि और अंतरराष्ट्रीय संपर्कों की गहराई से पड़ताल कर रही हैं.
हैदराबाद से टूटा रिश्ता
जांच में सामने आया है कि साजिद अकरम ने आखिरी बार वर्ष 2022 में हैदराबाद का दौरा किया था. उसके पास अब भी भारतीय पासपोर्ट मौजूद था, जबकि उसके दोनों बच्चे एक बेटा और एक बेटी ऑस्ट्रेलिया में जन्मे थे. ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं. पुलिस के मुताबिक, साजिद के अपने विस्तारित परिवार से रिश्ते कई साल पहले ही खत्म हो चुके थे. पारिवारिक विवादों के कारण रिश्तेदारों ने उससे दूरी बना ली थी. यहां तक कि वर्ष 2017 में पिता की मौत के समय भी साजिद अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुआ था, जो रिश्तों में आई गहरी दरार को दर्शाता है.
ऑस्ट्रेलिया में नई जिंदगी
भारत छोड़ने के बाद साजिद अकरम ऑस्ट्रेलिया में बस गया था. वहां उसने वेनेरा ग्रॉसो नाम की यूरोपीय मूल की महिला से शादी की. दंपति के दो बच्चे थे, जिनमें नवीद अकरम और एक बेटी शामिल हैं. यह परिवार ऑस्ट्रेलिया में स्थायी रूप से रह रहा था और सामान्य जीवन जीता दिख रहा था, लेकिन जांच एजेंसियों का मानना है कि अंदर ही अंदर कट्टरपंथी विचारधारा पनप रही थी.
बोंडी बीच पर खौफनाक हमला
रविवार को सिडनी के मशहूर बोंडी बीच पर यहूदी समुदाय द्वारा हनुक्का उत्सव मनाया जा रहा था. इसी दौरान अचानक हुई गोलीबारी ने जश्न को मातम में बदल दिया. इस हमले में 15 लोगों की मौत हो गई. ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस आयुक्त क्रिसी बैरेट ने इसे इस्लामिक स्टेट से प्रेरित आतंकवादी हमला बताया. उनके अनुसार, हमलावरों ने बेहद निर्दयता से हमला किया और उन्हें पीड़ितों की उम्र या हालत से कोई फर्क नहीं पड़ा.
पिता की मौत, बेटा घायल
पुलिस ने बताया कि दोनों आरोपी पिता-पुत्र थे, जिनकी उम्र 50 और 24 वर्ष थी. मुठभेड़ के दौरान साजिद अकरम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि नवीद अकरम गंभीर रूप से घायल हुआ और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. हमले में इस्तेमाल किया गया वाहन नवीद के नाम पर पंजीकृत था, जिसे पुलिस ने जब्त कर लिया है. वाहन से देसी बम और कथित इस्लामिक स्टेट से जुड़े झंडे भी बरामद किए गए.
फिलीपींस यात्रा की जांच
जांच एजेंसियों का ध्यान अब हमले से एक महीने पहले की गई फिलीपींस यात्रा पर केंद्रित है. फिलीपींस के आव्रजन ब्यूरो ने पुष्टि की है कि साजिद और नवीद 1 नवंबर को देश में दाखिल हुए और 28 नवंबर को वापस लौटे. साजिद ने भारतीय पासपोर्ट, जबकि नवीद ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था. दोनों ने दावाओ शहर को अपना अंतिम गंतव्य बताया था, जो मिंडानाओ क्षेत्र में स्थित है. एक ऐसा इलाका जहां अतीत में उग्रवादी संगठन सक्रिय रहे हैं.
अब भी जारी है जांच
हालांकि फिलीपीन सेना ने किसी भी तरह के सैन्य प्रशिक्षण की तत्काल पुष्टि से इनकार किया है, लेकिन ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी अब भी यात्रा के उद्देश्य और संपर्कों की जांच कर रहे हैं. जांच एजेंसियों का मानना है कि इस हमले की जड़ें अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथी नेटवर्क से जुड़ी हो सकती हैं, जिनका पर्दाफाश अभी बाकी है.
हालांकि, फिलीपीन सेना ने कहा कि वह इस बात की तुरंत पुष्टि नहीं कर सकती कि दोनों व्यक्तियों को उनके प्रवास के दौरान सैन्य शैली का प्रशिक्षण मिला था. फिलीपीन सुरक्षा अधिकारियों ने आगे कहा कि दशकों से चल रहे सैन्य अभियानों ने इस क्षेत्र में उग्रवादी समूहों को काफी कमजोर कर दिया है और हाल ही में वहां विदेशी उग्रवादियों की गतिविधि का कोई संकेत नहीं मिला है. ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने कहा कि फिलीपींस यात्रा का उद्देश्य और जिन स्थानों का दौरा किया गया, उनकी जांच अभी भी जारी है.


