पंजाब में फसल सुरक्षा के लिए कमर कस चुकी है मान सरकार, सुंडी-मक्खी पर लगेगा फुल स्टॉप
मालवा क्षेत्र में इस बार बड़े पैमाने पर नरमे (कपास) की बुआई हुई है. किसानों का कहना है कि अभी तक गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी का कोई असर नहीं दिखा है. ऐसे में अनुमान है कि इस बार चिट्टा सोना यानी नरमे की बंपर फसल हो सकती है.

मालवा क्षेत्र के किसानों के लिए इस बार अच्छी खबर है. बीते वर्षों में कपास (नरमा) की फसल को भारी नुकसान पहुंचाने वाली गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी का खतरा इस बार नजर नहीं आ रहा है. सरकार और कृषि विभाग की चौकस निगरानी और समय पर की गई कार्रवाई से इस बार मालवा बेल्ट में कपास की बंपर फसल की उम्मीद जताई जा रही है.
मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में पंजाब सरकार ने नरमे की फसल को लेकर एक व्यापक रणनीति तैयार की है. सरकार ने पहले से ही गुलाबी सुंडी और सफेद मक्खी के खतरे को भांपते हुए खेतों में इन कीटों के जीवनदायिनी खरपतवारों को जड़ से खत्म करने के निर्देश दिए थे. कृषि विभाग, अन्य विभागीय एजेंसियां और नरेगा कर्मचारियों ने मिलकर इन खरपतवारों को काफी हद तक नष्ट कर दिया है. अब खेतों में कीटनाशकों का छिड़काव कर बचे हुए कारकों को भी पूरी तरह खत्म किया जा रहा है.
गांव-गांव दौड़ रही कृषि विभाग की टीमें
इस बार मालवा के प्रमुख जिलों जैसे मानसा, बठिंडा, फरीदकोट और श्री मुक्तसर साहिब में बड़े रकबे पर नरमे की खेती हो चुकी है. अकेले मानसा जिले में 27,621.5 हेक्टेयर में नरमे की बुआई हुई है, जो बीते सालों की तुलना में कहीं अधिक है. किसानों में नरमे को लेकर विश्वास लौट रहा है और वे सरकार द्वारा किए गए प्रयासों से संतुष्ट दिख रहे हैं.
किसानों को दे रही फसल बचाने की गारंटी
कृषि विभाग गांव-गांव जाकर किसानों को न सिर्फ नरमे की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि उन्हें कीट प्रबंधन, बीज चयन और नियमित निरीक्षण जैसी जानकारियों से भी अवगत करा रहा है. हालांकि किसानों के मन में पिछले अनुभवों के चलते अब भी गुलाबी सुंडी का भय बना हुआ है, लेकिन विभाग का दावा है कि इस बार ऐसी कोई आशंका नहीं है.
सुंडी-मक्खी पर लगेगा फुल स्टॉप
कृषि विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस बार मालवा क्षेत्र में सुंडी को जड़ से खत्म कर दिया गया है और फसल पर अब किसी भी हमले की संभावना नगण्य है. विभाग ने भरोसा दिलाया है कि जब तक ‘चिट्टा सोना’ यानी कपास पूरी तरह से खेतों में नहीं खिल जाता, तब तक किसान की हर फसल की सुरक्षा विभाग की जिम्मेदारी होगी.


