4.5 अरब डॉलर की विदेशों को दी जाने वाली फंडिंग पर ट्रंप का यू-टर्न, रिपब्लिकन सांसद बोले- यह कानून का उल्लंघन...
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 4.9 बिलियन डॉलर की विदेशी सहायता फंडिंग को बिना कांग्रेस की मंजूरी के रद्द कर दिया है. यह कदम अमेरिकी संविधान के विरुद्ध बताया जा रहा है क्योंकि बजट पर नियंत्रण का अधिकार कांग्रेस के पास होता है. इस फैसले का विरोध रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों नेताओं ने किया है. इससे अमेरिका की वैश्विक छवि और विदेशी सहयोग पर असर पड़ सकता है.

Donald Trump foreign aid cut : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा और विवादास्पद फैसला लेते हुए 4.9 बिलियन डॉलर की विदेशी सहायता फंडिंग को रद्द कर दिया है. इस फैसले ने अमेरिकी राजनीति में बजट और खर्च पर नियंत्रण को लेकर नई बहस छेड़ दी है. खास बात यह है कि इस निर्णय का विरोध खुद ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के कई सांसदों ने भी किया है और इसे गैरकानूनी करार दिया है.
किन कार्यक्रमों की फंडिंग रोकी गई?
क्या कहता है अमेरिकी संविधान?
संविधान के अनुसार, अमेरिका में किसी भी सरकारी खर्च को नियंत्रित करने का अधिकार केवल कांग्रेस के पास होता है. आमतौर पर राष्ट्रपति या व्हाइट हाउस को किसी भी बजट या फंडिंग में बदलाव करने से पहले कांग्रेस की मंजूरी लेनी होती है. लेकिन इस बार ट्रंप ने एक पुराने कानूनी प्रावधान "पॉकेट रीसिशन" (Pocket Rescission) का इस्तेमाल किया है, जिससे वे सीधे कांग्रेस को बायपास कर सकते हैं.
राष्ट्रपति के पास 45 दिनों तक फंड रोकने का अधिकार
व्हाइट हाउस के बजट निदेशक रसेल वॉट का कहना है कि राष्ट्रपति को 45 दिनों तक किसी भी फंडिंग को अस्थायी रूप से रोकने का अधिकार है. चूंकि अमेरिकी वित्तीय वर्ष 30 सितंबर को समाप्त होता है, इसलिए अगर इस समय तक कांग्रेस कोई कार्रवाई नहीं करती, तो यह राशि बिना उपयोग के वापस चली जाती है. यह तकनीकी प्रक्रिया 1977 के बाद पहली बार इस्तेमाल की गई है.
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने इस फैसले पर चिंता जताते हुए कहा कि अमेरिका के इस कदम से उनके बजट और नकदी प्रवाह (liquidity) पर असर पड़ेगा. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे अमेरिकी अधिकारियों से इस विषय पर और जानकारी लेने की कोशिश कर रहे हैं.
डेमोक्रेट्स और कुछ रिपब्लिकन नेताओं का विरोध
डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ट्रंप प्रशासन अब तक कुल 425 बिलियन डॉलर से ज्यादा की फंडिंग रोक चुका है. वहीं, कई रिपब्लिकन नेता जो आमतौर पर खर्च में कटौती के पक्ष में रहते हैं, वे भी इस बार ट्रंप के इस तरीके से असहमत हैं. सीनेटर सुसान कॉलिन्स, जो सीनेट की बजट समिति की अध्यक्ष हैं, ने इस कदम को कानून का उल्लंघन बताया है. उनका मानना है कि खर्च में कटौती एक द्विदलीय प्रक्रिया (Bipartisan Process) से होनी चाहिए, न कि राष्ट्रपति की मर्जी से.
राष्ट्रपति बनाम कांग्रेस की टकराहट
डोनाल्ड ट्रंप का यह कदम दिखाता है कि अमेरिका में राष्ट्रपति और कांग्रेस के बीच बजट को लेकर संघर्ष कितना गंभीर हो सकता है. ट्रंप के इस फैसले ने एक बार फिर एक सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर राष्ट्रीय बजट पर किसका अधिकार होता है राष्ट्रपति या कांग्रेस का.


