ट्रंप के टैरिफ वॉर से खुद गड्ढे में गिरा अमेरिका! F-35 जेट डील रद्द करने पर सोचने लगा कनाडा
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगाए गए 25% टैरिफ के चलते कनाडा ने अमेरिका से खरीदी जा रही F-35 फाइटर जेट्स की डील पर फिर से विचार करना शुरू कर दिया है. रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर के अनुसार, कनाडा अब यूरोपीय विकल्पों पर भी विचार कर रहा है. इस फैसले से अमेरिका का रक्षा उद्योग को भारी नुकसान हो सकता है. क्या कनाडा इस डील को रद्द कर देगा? और क्या दूसरे देश भी इसके बाद ऐसे ही कदम उठाएंगे? जानिए पूरी कहानी!

International News: अमेरिका और कनाडा के बीच चल रहे व्यापार युद्ध ने दोनों देशों के रिश्तों को खटास में डाल दिया है. इस बीच, कनाडा ने अपने रक्षा कार्यक्रमों में बदलाव करने पर विचार करना शुरू कर दिया है. कनाडा के रक्षा मंत्री बिल ब्लेयर ने यह पुष्टि की कि कनाडा अब अमेरिका से खरीदी जा रही F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स के विकल्प तलाश रहा है. यह कदम राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कनाडा से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगाने के बाद उठाया गया है.
क्या है F-35 जेट डील का पूरा मामला?
कनाडा और अमेरिका के बीच 2023 में एक महत्वपूर्ण रक्षा डील हुई थी, जिसमें कनाडा ने 88 F-35 स्टील्थ फाइटर जेट्स के लिए 19 अरब डॉलर का समझौता किया था. यह डील लॉकहीड मार्टिन के साथ हुई थी, और पहली खेप 2026 तक कनाडा को मिलने वाली थी. हालांकि, इस डील के तहत 16 जेट्स के लिए पहले ही भुगतान किया जा चुका है, लेकिन अब कनाडा अपने विकल्पों पर गंभीरता से विचार कर रहा है.
अमेरिका का टैरिफ और उसका प्रभाव
अमेरिका द्वारा कनाडा पर लगाए गए 25% टैरिफ ने कनाडा के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं. कनाडा के रक्षा मंत्री का कहना है कि देश की वायु सेना ने F-35 जेट्स को अपनाने की सिफारिश की थी, लेकिन अब वे यूरोपीय निर्माताओं से स्वीडिश ग्रिपेन जैसे जेट्स के बारे में भी सोच रहे हैं.
कनाडा का ध्यान अब जेट्स की असेंबली पर
कनाडा ने यह भी संकेत दिया है कि वह अब ऐसे जेट्स पर ध्यान देगा, जिनकी असेंबली कनाडा में ही हो सके. इससे कनाडा को जेट्स के रखरखाव और सॉफ्टवेयर अपग्रेड की जिम्मेदारी भी अपने देश में ही मिल सकेगी. फिलहाल, F-35 जेट्स का रखरखाव और ओवरहॉल अमेरिका में होता है, और इसकी बढ़ती लागत पर अमेरिकी सरकारी लेखा कार्यालय (GAO) ने भी चिंता जताई है.
क्या असर होगा भारत पर?
जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर थे, तो राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत को F-35 जेट्स बेचने का प्रस्ताव भी दिया था. हालांकि, भारत ने अभी तक इस प्रस्ताव पर कोई स्पष्ट निर्णय नहीं लिया है. ट्रंप के व्यापार युद्ध के चलते अमेरिकी रक्षा उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, जो दुनिया के सबसे बड़े रक्षा उत्पादक देशों में से एक है.
क्या कनाडा का फैसला अन्य देशों के लिए एक उदाहरण बनेगा?
कनाडा का यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों पर सवाल उठाता है. टैरिफ वॉर से जहां एक ओर व्यापार में नुकसान हो रहा है, वहीं दूसरी ओर इससे अमेरिकी रक्षा उद्योग को भी नुकसान हो सकता है. अन्य देशों को भी यह सोचने पर मजबूर कर सकता है कि क्या उन्हें अमेरिकी जेट्स पर भरोसा करना जारी रखना चाहिए, या फिर विकल्पों की तलाश करनी चाहिए.
क्या ट्रंप को अपनी नीतियों पर फिर से विचार करना होगा?
कनाडा की ओर से उठाए गए इस कदम से अमेरिका को बड़ा झटका लग सकता है. अमेरिकी रक्षा उद्योग की प्रतिष्ठा और भविष्य अब इस पर निर्भर करेगा कि ट्रंप अपनी व्यापार नीतियों में क्या बदलाव करते हैं. क्या वह व्यापार वॉर के चलते अमेरिकी व्यापार को बचा पाएंगे या फिर देशों का भरोसा खो देंगे, यह देखने वाली बात होगी.


