''गुटेरेस की चेतावनी के बीच UNSC में भारत-पाक तनाव पर बैठक, पाकिस्तान बोला - 'मकसद पूरा!'
भारत-पाक के बीच बढ़ते तनाव पर UNSC के बंद कमरे में खास बैठक हुई है. पाकिस्तान ने इसे अपनी बड़ी कामयाबी बताया तो भारत ने इसे सिर्फ 'दिखावा' करार दिया. गुटेरेस ने भी कड़ी चेतावनी दी है. आखिर क्या है पूरा मामला? जानिए अंदर की कहानी...

India Pakistan-Tension: भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में एक बार फिर तल्खी बढ़ गई है. जम्मू-कश्मीर के हालात, सिंधु जल संधि, और हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद मामला इतना गर्म हो गया कि अब ये चर्चा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) तक जा पहुंची. खास बात ये रही कि इस बार यह चर्चा खुले मंच पर नहीं, बल्कि 'बंद कमरे' में हुई. यानी कोई कैमरा, मीडिया या सार्वजनिक बयानबाज़ी नहीं — बस सीधे और गोपनीय तौर पर दोनों पक्षों के मुद्दे सामने रखे गए.
UNSC में बंद कमरे की मीटिंग – पाकिस्तान की अपील पर चर्चा
यह बैठक UNSC के मुख्य हॉल में नहीं, बल्कि पास के ‘कंसल्टेशन रूम’ में हुई, जो क्लोज-डोर मीटिंग्स के लिए इस्तेमाल होता है. पाकिस्तान, जो इस समय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, ने खुद इस चर्चा की अपील की थी.
गुटेरेस की चेतावनी – 'तनाव अब सबसे खतरनाक मोड़ पर है'
यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की. उन्होंने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि नागरिकों को निशाना बनाना बिल्कुल भी मंज़ूर नहीं किया जा सकता. हमले में 26 लोगों की जान गई थी, जिसमें एक नेपाली नागरिक भी था. गुटेरेस ने कहा, 'अब वक्त है कि दोनों देश पीछे हटें और बातचीत की मेज़ पर लौटें.
पाकिस्तान ने क्या कहा? – 'हमारा मकसद पूरा हुआ'
पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि आसिम इफ्तिखार अहमद ने दावा किया कि यह मीटिंग उनके कई मकसद पूरे करने में कामयाब रही. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बातचीत चाहता है और कई सदस्य देशों ने भी कहा कि सभी मसलों को शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए. पाकिस्तान ने भारत के 23 अप्रैल के कथित कदमों और सैन्य गतिविधियों को "एकतरफा और गैरकानूनी" बताया. साथ ही सिंधु जल संधि के मुद्दे को भी जोरदार तरीके से उठाया, जिसे पाकिस्तान ने भारत की ओर से 'आक्रामकता' करार दिया.
भारत का जवाब – 'कोई खास नतीजा नहीं निकलेगा'
भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान ऐसे मंचों का इस्तेमाल कर 'धारणाएं गढ़ने' की कोशिश करता है, जबकि भारत इसका सही जवाब देगा. उन्होंने कहा कि ऐसी क्लोज-डोर मीटिंग्स से कोई ठोस फैसला निकलने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए.
इस मीटिंग से कोई ठोस फैसला तो नहीं निकला, लेकिन इतना ज़रूर साफ है कि भारत-पाक के बीच तनाव और बढ़ा है. पाकिस्तान का दावा है कि उसकी बात सुनी गई, वहीं भारत इस मुद्दे को ज्यादा तूल नहीं देना चाहता.


