अमेरिकी अधिकारी ने पाकिस्तानी पत्रकार को चुप कराकर PM मोदी पर लगाए गए आरोपों को खारिज किया
एक पाकिस्तानी रिपोर्टर ने अमेरिकी अधिकारी से सवाल किया कि क्या अमेरिका को इस बात का दुख है कि प्रधानमंत्री मोदी ने शांति समझौते का स्वागत नहीं किया. इस पर अमेरिकी अधिकारी ने तुरंत जवाब दिया और कहा कि उनका ध्यान सिर्फ युद्धविराम और दोनों देशों के बीच सीधा संवाद बढ़ाने पर है, न कि किसी शांति समझौते पर.

International: अमेरिका और पाकिस्तान के बीच संबंधों में काफी उतार-चढ़ाव रहा है, और हाल ही में एक पाकिस्तानी पत्रकार ने अमेरिकी अधिकारी से एक सवाल किया, जिसे अमेरिका के विदेश विभाग के अधिकारी ने तुरंत खारिज कर दिया. यह घटना बुधवार को हुई, जब एक पाकिस्तानी रिपोर्टर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर शांति समझौते का विरोध करने का आरोप लगाया.
पाकिस्तानी रिपोर्टर ने मोदी पर आरोप लगाया
पाकिस्तानी पत्रकार ने कहा कि पाकिस्तान, अमेरिका द्वारा किए गए प्रयासों का स्वागत करता है, और दावा किया कि पाकिस्तान सरकार का मानना है कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर मुद्दे पर शांति स्थापित करने में सफल होते हैं, तो उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिल सकता है. इसके बाद, पत्रकार ने सवाल किया कि क्या अमेरिका इस बात से निराश है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शांति समझौते का स्वागत नहीं किया.
अमेरिकी अधिकारी ने दिया सटीक जवाब
इस पर अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी थॉमस पिगॉट ने जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका का ध्यान "युद्धविराम" और दोनों देशों के बीच सीधे संवाद को बढ़ावा देने पर है. पिगॉट ने कहा, "हम शांति के पक्षधर हैं और अमेरिका हमेशा संघर्षों के समाधान में मदद करने के लिए तत्पर रहता है." उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका का उद्देश्य किसी भी तरह के शांति समझौते को लागू करना और संघर्षों को समाप्त करना है.
#WATCH यह पूछे जाने पर कि 'क्या अमेरिका को पाकिस्तान के साथ बातचीत के दौरान कोई आश्वासन या प्रतिबद्धता मिली है कि पाकिस्तान अपने आतंकी ढांचे को खत्म करेगा या देश में आतंकी समूहों का समर्थन करना बंद कर देगा' अमेरिकी विदेश विभाग के उप प्रधान प्रवक्ता टॉमी पिगॉट ने कहा, "... मैं… pic.twitter.com/ZZ0ZFrvCqW
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 13, 2025
पाकिस्तानी पत्रकार का अगला सवाल
इसके बाद पाकिस्तानी रिपोर्टर ने एक और सवाल पूछा कि क्या अमेरिका, भारत द्वारा इजरायल निर्मित ड्रोन के इस्तेमाल के खिलाफ है, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल किए गए थे. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या ऐसा होने से पाकिस्तान और इजरायल के रिश्ते और जटिल हो जाएंगे, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अब्राहम समझौते के जरिए विभिन्न धर्मों के बीच शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं.
अमेरिकी अधिकारी का पुनः उत्तर
इस बार भी पिगॉट ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया और दोहराया कि अमेरिका का ध्यान केवल "युद्धविराम" और "दोनों पक्षों के बीच संवाद" पर है. उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति ट्रंप दुनिया भर में संघर्षों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, लेकिन इस विषय पर अधिक टिप्पणी नहीं की जा सकती है."
यह घटनाक्रम यह दर्शाता है कि अमेरिका पाकिस्तान और भारत के बीच किसी भी तरह के विवाद में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं चाहता. अमेरिकी अधिकारी ने बार-बार इस बात को स्पष्ट किया कि उनका ध्यान केवल युद्धविराम और संवाद बढ़ाने पर है, न कि किसी खास देश या मुद्दे पर. यह स्थिति दर्शाती है कि अमेरिका की प्राथमिकता अब कश्मीर मुद्दे पर शांति लाने से ज्यादा स्थिरता और संघर्षों को हल करने पर केंद्रित है.


