जागो हिंदुओं जागो... बांग्लादेश में 123 मंदिरों पर हमला, मारे गए इतने लोग
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के चलते 5 अगस्त 2024 से अब तक 23 हिंदुओं की हत्या और 152 मंदिरों पर हमले हो चुके हैं. भारत ने इन घटनाओं को लेकर गंभीर चिंता जताई है और बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है.

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले एक गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं. पिछले साल 5 अगस्त से अब तक 23 हिंदुओं की हत्या हो चुकी है और 152 हिंदू मंदिरों पर हमले किए गए हैं. इस मुद्दे पर भारत सरकार भी सतर्क है और इसे बांग्लादेश सरकार के समक्ष उठाया गया है.
पिछले दो महीनों में 76 घटनाएं दर्ज
भारत के विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में बताया कि 26 नवंबर, 2024 से 25 जनवरी, 2025 तक के बीच बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की 76 घटनाएं सामने आई हैं. अगस्त 2024 से अब तक कुल 23 हिंदुओं की हत्या और 152 हिंदू मंदिरों पर हमलों की पुष्टि हुई है.
भारत ने जताई चिंता
भारत ने इन घटनाओं को लेकर बांग्लादेश सरकार से अपनी चिंता जाहिर की है. विदेश सचिव ने 9 दिसंबर, 2024 को बांग्लादेश यात्रा के दौरान हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत की अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से दोहराया.
10 दिसंबर, 2024 को बांग्लादेश सरकार ने एक प्रेस वार्ता आयोजित कर यह जानकारी दी कि अल्पसंख्यकों पर हमलों से संबंधित 88 मामलों में 70 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस जांच में बाद में 1254 घटनाओं की पुष्टि हुई.
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता और अल्पसंख्यकों पर प्रभाव
5 अगस्त, 2024 को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, राजनीतिक उथल-पुथल के कारण बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थी. इस स्थिति के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हमले तेज हो गए और उत्पीड़न के डर से हजारों हिंदू भारत में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे हैं. बांग्लादेश में ये अस्थिरता नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी कार्यवाहक सरकार के बाद और बढ़ गई. इस स्थिति के बीच भारत और बांग्लादेश के संबंधों में भी मतभेद उभरने लगे हैं और भारत ने हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है.
बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी
मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में स्पष्ट किया कि अल्पसंख्यकों सहित बांग्लादेश के सभी नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी बांग्लादेश सरकार की है. भारत सरकार इस स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर उचित कदम उठाएगी. बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा दोनों देशों के संबंधों के लिए एक चुनौती बन रही है. अब देखना यह होगा कि बांग्लादेश सरकार इस संकट से निपटने के लिए कितनी प्रभावी कार्रवाई करती है.


