'हमें शांति चाहिए'.... कश्मीर, पानी और आतंकवाद पर फिर बातचीत की गुहार लगाते नजर आए शहबाज शरीफ
पाकिस्तान के PM शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत से बातचीत की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि कश्मीर, आतंकवाद और पानी जैसे मुद्दों पर मिल बैठकर हल निकालना चाहिए. साथ ही भारत से व्यापार फिर शुरू करने की भी बात कही. लेकिन क्या ये सिर्फ बातें हैं या वाकई पाकिस्तान गंभीर है? पूरी खबर में जानिए – तेहरान से अजरबैजान तक क्यों दोहरा रहे हैं शरीफ बार-बार एक ही बात? भारत का क्या जवाब है?

India-Pak Tension: भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में लंबे समय से तनाव बना हुआ है. खासकर कश्मीर, आतंकवाद और जल संकट जैसे मुद्दों को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत बंद है. इसी बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत से बातचीत की पेशकश की है. इस बार उन्होंने अजरबैजान के लाचिन में आयोजित पाकिस्तान-तुर्की-अजरबैजान के त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन के मंच से यह बात कही. इससे पहले इसी हफ्ते उन्होंने तेहरान में भी भारत से बातचीत की इच्छा जताई थी.
शहबाज शरीफ बोले - मिल बैठकर बात करें
शहबाज शरीफ ने सम्मेलन के दौरान कहा, “हमें शांति चाहिए, और इसके लिए जरूरी है कि भारत और पाकिस्तान मिल बैठकर बातचीत करें. कश्मीर, आतंकवाद और पानी जैसे मुद्दों को बातचीत के जरिए हल किया जा सकता है. ऐसे मुद्दे हैं जिन पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है.” उन्होंने खासतौर पर कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि यह मसला संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों और कश्मीर के लोगों की इच्छाओं के मुताबिक हल किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी भारत से ईमानदारी से बातचीत करने के लिए तैयार है.
भारत पर जल संकट को बढ़ाने का आरोप
शरीफ ने भारत के सिंधु जल संधि को स्थगित करने के फैसले की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह फैसला पाकिस्तान के लोगों की जीवनरेखा को खतरे में डाल रहा है. उनका कहना था कि पानी का मुद्दा बेहद गंभीर है और इसे बातचीत से ही सुलझाया जा सकता है.
भारत के साथ व्यापार फिर शुरू करने की इच्छा
पाक प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करना चाहता है. उनका मानना है कि व्यापार से दोनों देशों को फायदा होगा और तनाव भी कम हो सकता है.
तेहरान में भी दोहराई थी यही बात
यह पहली बार नहीं है जब शरीफ ने भारत से बातचीत की बात कही हो. इससे पहले सोमवार को उन्होंने तेहरान में भी कहा था कि पाकिस्तान सभी विवादों को सुलझाने के लिए भारत से बात करने को तैयार है. लेकिन भारत पहले ही साफ कर चुका है कि बातचीत तभी होगी जब पाकिस्तान आतंकवाद पर ठोस कार्रवाई करेगा और मुद्दा सिर्फ पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर केंद्रित रहेगा.
त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन में दिखी एकजुटता
अजरबैजान में हुए इस सम्मेलन में तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन और अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव भी मौजूद थे. तीनों देशों ने क्षेत्रीय शांति और समृद्धि के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने की बात कही. शहबाज शरीफ ने कहा, “हमारी ताकत हमारी एकता में है. तीनों देश काराबाख, कश्मीर और उत्तरी साइप्रस जैसे मुद्दों पर एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं.” उन्होंने भारत के साथ संघर्ष के वक्त तुर्की और अजरबैजान के समर्थन के लिए धन्यवाद भी दिया.
क्या वाकई पाकिस्तान बातचीत के लिए गंभीर है?
शहबाज शरीफ की ये बातें भले ही शांति की पहल की तरह लगें लेकिन भारत ने अब तक ऐसे बयानों को 'पुराना राग' करार दिया है. भारत की नीति साफ है – आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. अब देखना यह होगा कि क्या पाकिस्तान सिर्फ बयानबाजी कर रहा है या वाकई कुछ ठोस कदम उठाता है.


