पीएम मोदी ने दी दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई तो चीन को लगी मिर्ची, तमतमाए बीजिंग ने कह दी ये बड़ी बात
चीन ने दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई देने पर प्रधानमंत्री मोदी और मंत्री रिजिजू की उपस्थिति को लेकर विरोध जताया. चीन ने दलाई लामा को अलगाववादी बताया जबकि भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला दिया. दलाई लामा ने पुनर्जन्म संस्था को जारी रखने और अगला उत्तराधिकारी चीन के बाहर चुनने की बात कही.

चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 14वें दलाई लामा को उनके 90वें जन्मदिन पर शुभकामनाएं देने और जन्मदिन समारोह में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की उपस्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. चीन ने इस पर औपचारिक विरोध दर्ज कराया है. बीजिंग ने दलाई लामा को "राजनीतिक निर्वासित" और "चीन विरोधी अलगाववादी" करार देते हुए कहा कि वह तिब्बत को देश से अलग करने का प्रयास कर रहे हैं.
चीन की आधिकारिक प्रतिक्रिया
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि तिब्बत से जुड़ी चीन की नीति स्पष्ट और स्थायी रही है. उन्होंने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “दलाई लामा धर्म की आड़ में चीन की संप्रभुता को चुनौती दे रहे हैं. भारत को शिजांग से जुड़े विषयों की संवेदनशीलता को समझना चाहिए और अपने वादों का सम्मान करना चाहिए.” चीन का मानना है कि भारत दलाई लामा को समर्थन देकर उसके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है, जो कि आपत्तिजनक है.
मोदी और भारतीय नेताओं का समर्थन
प्रधानमंत्री मोदी ने दलाई लामा को जन्मदिन की बधाई देते हुए कहा कि वे प्रेम, करुणा और सहनशीलता के प्रतीक हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, “उनका जीवन और संदेश सभी धर्मों के बीच सौहार्द और सम्मान की भावना को बढ़ाता है.” इसके अलावा, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और सिक्किम के मंत्री सोनम लामा भी धर्मशाला में आयोजित समारोह में शामिल हुए.
दलाई लामा के पुनर्जन्म पर चीनी दावा
चीन में भारत के राजदूत झू फेइहोंग ने सोशल मीडिया पर दलाई लामा की पुनर्जन्म प्रणाली को लेकर चीन के दृष्टिकोण को स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि पुनर्जन्म की परंपरा 700 वर्षों से चली आ रही है और यह किसी एक व्यक्ति की मर्ज़ी पर निर्भर नहीं है. उनके अनुसार, दलाई लामा यह तय नहीं कर सकते कि यह प्रक्रिया जारी रहेगी या नहीं.
भारत की आधिकारिक प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार किसी भी धार्मिक परंपरा या आस्था से जुड़े विषयों पर टिप्पणी नहीं करती. उन्होंने दोहराया कि भारत में सभी को धार्मिक स्वतंत्रता प्राप्त है और सरकार इस अधिकार की रक्षा करती रहेगी.
दलाई लामा का आत्मविश्वास
2 जुलाई को दलाई लामा ने स्पष्ट किया कि दलाई लामा संस्था उनकी मृत्यु के बाद भी कायम रहेगी. उन्होंने यह भी कहा कि अगला दलाई लामा चीन के बाहर से चुना जाएगा, और इस निर्णय में चीन की कोई भूमिका नहीं होगी.


