ईरान पर फिर हमले की तैयारी में इजराइल? ट्रंप से मुलाकात करेंगे नेतन्याहू, बढ़ी वैश्विक चिंता
मिडिल ईस्ट में युद्ध का खतरा एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है। इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 29 दिसंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाले हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अहम मीटिंग में नेतन्याहू ट्रंप को ईरान के कथित बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम और उसके खिलाफ संभावित नए मिलिट्री हमलों के बारे में डिटेल में जानकारी दे सकते हैं।

नई दिल्ली: मध्य पूर्व में एक बार फिर युद्ध की आशंका गहराती दिख रही है. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस महीने 29 दिसंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस अहम बैठक में नेतन्याहू ईरान के कथित बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम और उस पर संभावित नए सैन्य हमलों को लेकर ट्रंप को विस्तार से जानकारी दे सकते हैं.
एनबीसी न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि इजरायली अधिकारी इस बात को लेकर गंभीर रूप से चिंतित हैं कि ईरान अपने बैलिस्टिक मिसाइल उत्पादन को फिर से तेज़ी से बढ़ा रहा है. इजरायल का मानना है कि यह गतिविधि उसकी सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है और इसी आधार पर वह ईरान के खिलाफ दोबारा सैन्य कार्रवाई का समर्थन अमेरिका से मांग सकता है.
पहले भी हो चुका है सीधा टकराव
गौरतलब है कि इसी साल ईरान और इजरायल के बीच करीब दो हफ्ते तक चला संघर्ष पूरी दुनिया की सुर्खियों में रहा था. उस युद्ध के दौरान इजरायल ने दावा किया था कि उसने ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को भारी नुकसान पहुंचाया है. हालांकि, अब इजरायल को आशंका है कि ईरान न सिर्फ अपनी मिसाइल उत्पादन इकाइयों को दोबारा खड़ा कर रहा है, बल्कि अपनी क्षतिग्रस्त एयर डिफेंस सिस्टम को भी दुरुस्त करने में जुटा है.
परमाणु ठिकानों को लेकर भी चिंता
एनबीसी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इजरायली अधिकारियों को ईरान द्वारा अपने परमाणु ठिकानों के पुनर्निर्माण की आशंका है. उल्लेखनीय है कि जून महीने में हुए इजरायल-ईरान युद्ध के दौरान अमेरिका ने ईरान के कुछ परमाणु ठिकानों पर बमबारी की थी. हालांकि, सूत्रों के मुताबिक इस समय इजरायल की सबसे बड़ी चिंता ईरान की मिसाइल क्षमता को लेकर है, न कि परमाणु कार्यक्रम को लेकर.
ट्रंप को पेश किए जा सकते हैं सैन्य विकल्प
सूत्रों का कहना है कि नेतन्याहू ट्रंप के सामने यह तर्क रख सकते हैं कि ईरान की गतिविधियां केवल इजरायल ही नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र और अमेरिकी हितों के लिए भी खतरा हैं. इसके साथ ही इजरायली प्रधानमंत्री अमेरिका को संभावित सैन्य कार्रवाई में भागीदारी या सहायता से जुड़े विकल्प भी पेश कर सकते हैं.
व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता एना केली ने एक बयान में कहा कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) और ईरानी सरकार दोनों ने इस बात की पुष्टि की है कि ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ के तहत ईरान की परमाणु क्षमताओं को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अगर ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की कोशिश की, तो उस ठिकाने को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा.


