आसियान शिखर सम्मेलन में डोनाल्ड ट्रंप-शी जिनपिंग मुलाकात पर दुनिया की नजर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात पर सबकी नजरे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि ये मुलाकात व्यापारिक टकराव को कम कर सकती है.

आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित मुलाकात को लेकर वैश्विक स्तर पर उत्सुकता बनी हुई है. दोनों नेताओं की बैठक को अमेरिका-चीन संबंधों में अहम मोड़ माना जा रहा है.
तरह की रियायत देने पर क्या बोले डोनाल्ड ट्रंप?
विशेषज्ञों का मानना है कि यह वार्ता न केवल व्यापारिक टकराव को कम कर सकती है, बल्कि भू-राजनीतिक समीकरणों पर भी गहरा असर डालेगी. जब राष्ट्रपति ट्रंप से पूछा गया कि क्या वे चीन के साथ समझौते के लिए किसी तरह की रियायत देने को तैयार हैं तो उन्होंने कहा कि हां, बिल्कुल. उन्हें कुछ रियायतें देनी होंगी और हमें भी. हमने चीन पर 157 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. मुझे नहीं लगता कि ये हमेशा के लिए रहेंगे. वे इसे कम करना चाहते हैं और हम भी उनसे कुछ चीजें चाहते हैं. मुझे विश्वास है कि यह एक अच्छा समझौता होगा.
एशिया में जारी तनावों पर बोलते हुए ट्रंप ने कहा कि कंबोडिया और थाईलैंड के बीच शांति बहाली में चीन की कोई भूमिका नहीं है. इसके बजाय उन्होंने बताया कि मलेशिया ने इस दिशा में अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि मलेशिया ने हमारी मदद की. यही वजह है कि मैं वहां जा रहा हूं. कंबोडिया और थाईलैंड के बीच शांति कायम करने में मलेशिया ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
ट्रंप ने यह भी कहा कि वे चाहते हैं कि रूस को समझाने में चीन मदद करे. उन्होंने कहा कि हमने रूस पर बड़े प्रतिबंध लगाए हैं और मुझे लगता है कि ये और सख्त होंगे. लेकिन मैं देखना चाहता हूं कि इसमें चीन हमारी क्या भूमिका निभा सकता है. उन्होंने शी जिनपिंग के साथ अपने बेहतरीन रिश्तों का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों की मुलाकात सकारात्मक और उत्पादक होगी.
राष्ट्रपति ने बताया कि बैठक में रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी विस्तार से चर्चा होगी. उन्होंने कहा कि हर हफ्ते इस युद्ध में लगभग सात हजार लोग मारे जा रहे हैं, जिनमें ज्यादातर सैनिक हैं. यह मानवता के लिए एक त्रासदी है और हम इस पर बात जरूर करेंगे.
किम जोंग से मिलने पर डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा?
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे दक्षिण कोरिया में उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन से मिलने वाले हैं तो ट्रंप ने कहा कि अगर वह मिलना चाहेंगे तो मैं जरूर मिलूंगा. हमारे संबंध अच्छे हैं और शायद उन्हें पता है कि मैं वहां आ रहा हूं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि उत्तर कोरिया में संचार माध्यम सीमित हैं, लेकिन अगर किम जोंग उन मुलाकात चाहते हैं तो मैं 100 प्रतिशत तैयार हूं.
डोनाल्ड ट्रंप की यह एशियाई यात्रा न केवल व्यापारिक रिश्तों को नई दिशा दे सकती है, बल्कि एशिया की बदलती राजनीति में भी अहम मोड़ साबित हो सकती है.

