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गैस नहीं, अब कमांड से पकेगा खाना! इंडिया के किचन में उतरे AI मास्टरशेफ

भारत के किचन अब गैस और चिमटे से आगे बढ़ चुके हैं। AI माइक्रोवेव, स्मार्ट कुकर और वॉयस असिस्टेंट अब स्वाद, सेहत और सटीकता का भविष्य गढ़ रहे हैं।

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

Lifestyle News: अब किचन में हाथ नहीं, आवाज़ चलेगी। AI माइक्रोवेव, स्मार्ट कुकर और वॉयस-एक्टिवेटेड कुकटॉप्स आपकी कमांड सुनकर खाना पकाएंगे। ChatGPT जैसे जनरेटिव AI अब रेसिपी नहीं, स्वाद भी समझने लगे हैं। बुज़ुर्गों के लिए ये गैजेट्स बन चुके हैं थर्ड हैंड—बिना मेहनत के पराठा से पास्ता तक तैयार। यानी अब किचन में उतरेंगे मास्टरशेफ... मगर इंसान नहीं, मशीन वाले!  

AI से लैस हो रहे किचन

भारत के रसोईघरों में अब तकनीक का ज़ायका घुल रहा है। ChatGPT जैसे टूल्स अब आपको रेसिपी नहीं, पूरा मेन्यू समझा रहे हैं। Wi-Fi कुकर, स्मार्ट फ्राइंग पैन और voice-controlled माइक्रोवेव, सिर्फ मॉडर्न गैजेट नहीं बल्कि नए युग के किचन पार्टनर बन चुके हैं। खाना पकाना अब ‘कला’ नहीं, ‘कमांड’ पर आधारित प्रक्रिया बनता जा रहा है। एलेक्सा और गूगल होम अब तड़का नहीं, टाइमिंग पर ध्यान दे रहे हैं। ऐसे में AI किचन गैजेट्स भारत के मिडिल क्लास तक पहुंच बना रहे हैं। यह सिर्फ सुविधा नहीं, स्वाद और सेहत की क्रांति है।

बोलो, रेसिपी तैयार है!

अब आपको मसालों की मात्रा याद रखने की ज़रूरत नहीं। AI से लैस voice assistants सिर्फ रेसिपी नहीं बताते, बल्कि रियल टाइम मॉनिटरिंग भी करते हैं। “Alexa, बनाओ राजमा चावल” कहने पर वह आपको स्टेप बाय स्टेप गाइड करेगी, साथ ही टाइमर सेट, गैस बंद और कुकर तक मैनेज करेगी। कुछ डिवाइसेज़ में तो सेंसर बेस्ड स्वाद एडजस्टमेंट फीचर तक जुड़ चुका है। AI आपके पिछले पसंदीदा फ्लेवर के आधार पर सुझाव भी देता है। यानी जो खाना पहले कोशिश का मामला था, अब परफेक्शन की ओर जा रहा है।

बुज़ुर्गों के लिए वरदान

AI किचन असिस्टेंट्स बुज़ुर्गों के लिए भी जीवन रेखा बनकर उभरे हैं। आंखों की रोशनी कमजोर होने पर भी वॉयस कमांड्स से काम चल जाता है। हाथ कांपते हैं तो टचलेस गैजेट्स मदद करते हैं। कुछ डिवाइसेज़ तो ये भी याद रखते हैं कि किस दिन क्या खाना नहीं खाना है, और हेल्थ-वार्निंग्स भी देते हैं। दवाइयों की तरह खाना बनाना अब वक्त का काम नहीं, एक हेल्थ मैनेजमेंट प्रोटोकॉल बनता जा रहा है। घर के वो सदस्य जो रसोई से दूर रहते थे, अब एआई की मदद से फिर से सक्रिय हो रहे हैं।

स्वाद का डेटा मॉडल

AI अब स्वाद को एक डेटा मॉडल की तरह समझ रहा है। ChatGPT या Google Gemini जैसी AI टेक्नोलॉजी अब आपकी पसंद-नापसंद, हेल्थ डेटा और रूटीन को समझकर कस्टम रेसिपी सजेस्ट कर रही हैं। कुछ एप्स तो हज़ारों रेसिपीज़ को taste-profile के हिसाब से रैंक करते हैं। इससे बच्चे, डायबिटिक या फिटनेस प्रेमी – हर किसी को अलग स्वाद वाली हेल्दी रेसिपी मिलती है। भविष्य में यह टेक्नोलॉजी इंडियन घरों में डेली न्यूट्रिशन मैनेजर बन सकती है।

फूड IoT का नया युग

AI किचन का मतलब सिर्फ स्मार्ट गैजेट्स नहीं, बल्कि पूरा एक connected kitchen ecosystem है। फ्रिज से माइक्रोवेव, कुकर से रेसिपी ऐप – सब आपस में सिंक हैं। जैसे ही फ्रिज में टमाटर खत्म हुआ, रेसिपी ऐप उसका विकल्प सुझा देता है। कुछ Wi-Fi enabled कुकर तो रेसिपी के हिसाब से तापमान और समय खुद तय करते हैं। यह स्मार्ट नेटवर्क अब सिर्फ “गैजेट” नहीं, बल्कि घर का एक इंटेलिजेंट मेंबर बनता जा रहा है।

Alexa बनेगी स्वाद गुरु?

क्या आने वाले वक्त में Alexa आपके खाने का टेस्ट भी जज करेगी? रिसर्चर्स इस पर काम कर रहे हैं कि AI smell और taste को भी डेटा में बदल सके। कुछ प्रोटोटाइप AI पैन में लगे सेंसर्स आपके खाने की सुगंध और तापमान के आधार पर टेस्ट की भविष्यवाणी कर सकते हैं। यानी AI सिर्फ खाना बनवाएगी ही नहीं, बल्कि बताएगी भी कि स्वाद कैसा है। यह फ्यूचरिस्टिक लग सकता है, पर AI का अगला कदम यही होगा।

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02 July 2025, 05:48 PM IST

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