कोविड-19 ने कितनी बार बदला रूप? JN.1 समेत जानिए अहम वैरिएंट्स की पूरी लिस्ट
दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से कोविड-19 महामारी की शुरुआत हुई थी. तब से लेकर अब तक SARS-CoV-2 वायरस कई बार अपना स्वरूप बदल चुका है. वायरस में होने वाले म्यूटेशन के चलते समय-समय पर इसके नए वैरिएंट्स सामने आते रहे हैं.

कोरोना वायरस एक बार फिर दुनिया के कई हिस्सों में चिंता का कारण बन रहा है. एशिया के अनेक देशों में कोविड-19 का नया वैरिएंट JN.1 सामने आया है. भारत में भी इसके कई मामले मिल चुके हैं. इस वैरिएंट को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि यह कितना खतरनाक है और अब तक कोरोना के कितने रूप सामने आ चुके हैं.
कोरोना की शुरुआत और वैरिएंट्स की कहानी
कोरोना वायरस की शुरुआत दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से हुई थी. तब से लेकर अब तक वायरस कई बार अपने स्वरूप बदल चुका है. ये बदलाव यानी म्यूटेशन, नए-नए वैरिएंट्स को जन्म देते हैं. कुछ वैरिएंट्स सामान्य रहते हैं, लेकिन कुछ ने वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली पर गंभीर प्रभाव डाला है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन वैरिएंट्स को 'वैरिएंट ऑफ कंसर्न' (VOC) और 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' (VOI) की श्रेणियों में रखा है.
अब तक सामने आए मुख्य वैरिएंट्स
अल्फा (B.1.1.7): सितंबर 2020 में यूके में मिला और यह 50-70% अधिक संक्रामक था.
बीटा (B.1.351): दिसंबर 2020 में दक्षिण अफ्रीका में मिला, जो वैक्सीन प्रतिरक्षा से बच सकता था.
गामा (P.1): जनवरी 2021 में ब्राजील में पाया गया.
डेल्टा (B.1.617.2): अप्रैल 2021 में भारत में फैला, जो अत्यधिक घातक साबित हुआ.
ओमिक्रॉन (B.1.1.529): नवंबर 2021 में दक्षिण अफ्रीका में पाया गया, जिसने सबसे तेज़ी से फैलने वाले संक्रमण का रूप लिया.
JN.1 वैरिएंट की विशेषताएं
JN.1 ओमिक्रॉन का एक सब-वैरिएंट है, जो अन्य वैरिएंट्स की तुलना में तेजी से फैलता है. इसमें कुछ अतिरिक्त म्यूटेशन पाए गए हैं, जो इसे अधिक संक्रामक बनाते हैं. हालांकि, इसके लक्षण सामान्य कोविड जैसे ही हैं. बुखार, खांसी, थकान, गंध और स्वाद की कमी. WHO ने JN.1 को 'वैरिएंट ऑफ इंटरेस्ट' घोषित किया है.


