'मेरे वजूद को परछाइयों ने तोड़ दिया...पढ़ें तन्हाई पर लिखें बेहतरीन शेर...
Best Sher on loneliness: इश्क भरी तन्हाई वह स्थिति है जब किसी प्रिय के बिना होने की कमी को महसूस किया जाता है. यह अकेलापन प्रेम की गहराई और उसकी कमी का प्रतीक होता है. ऐसे में आज हम आपको तन्हाई पर लिखें बेहतरीन शायरों के शेर पेश करेंगे जिसको सुनकर आप अपनी तन्हा जिंदगी में रंग भर सकते हैं.

Best Sher on loneliness: अक्सर इश्क में हारा इंसान अपने आप को अकेला पाता है. इश्क भरी तन्हाई वह स्थिति है जब किसी प्रिय के बिना होने की कमी को महसूस किया जाता है. यह अकेलापन प्रेम की गहराई और उसकी कमी का प्रतीक होता है. ऐसे में आज हम आपको तन्हाई पर लिखें बेहतरीन शायरों के शेर पेश करेंगे जिसको सुनकर आप अपनी तन्हा जिंदगी को काट सकते हैं.
अपने साए से चौंक जाते हैं
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा
गुलज़ार
भीड़ तन्हाइयों का मेला है
सबा अकबराबादी
दिल दबा जाता है कितना
दिल दबा जाता है कितना आज ग़म के बार से
कैसी तन्हाई टपकती है दर ओ दीवार से
अकबर हैदराबादी
एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक
जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा
निदा फ़ाज़ली
ग़म ओ नशात की हर रहगुज़र में तन्हा हूँ
मुझे ख़बर है मैं अपने सफ़र में तन्हा हूँ
मख़मूर सईदी
इक सफ़ीना है तेरी याद अगर
इक समुंदर है मेरी तन्हाई
अहमद नदीम क़ासमी
इतने घने बादल के पीछे
कितना तन्हा होगा चाँद
परवीन शाकिर
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है
इफ़्तिख़ार आरिफ़
किसी हालत में भी तन्हा नहीं होने देती
है यही एक ख़राबी मिरी तन्हाई की
फ़रहत एहसास
कितने चेहरे कितनी शक्लें फिर भी तन्हाई वही
कौन ले आया मुझे इन आईनों के दरमियाँ
महमूद शाम


