हर-हर महादेव....ऊखीमठ से केदारनाथ के लिए रवाना हुई पंचमुखी डोली, वृष लग्न में खुलेंगे बाबा केदारनाथ के कपाट
बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली ऊखीमठ से विधिविधान के साथ केदारनाथ धाम के लिए रवाना हो गई है. यात्रा क्रम में डोली गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड होते हुए 1 मई को धाम पहुंचेगी. 2 मई को वृष लग्न में बाबा केदार के कपाट खोले जाएंगे और ग्रीष्मकालीन यात्रा शुरू होगी.

केदारनाथ धाम के भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है. आज विधिविधान से पूजा-अर्चना के बाद बाबा केदारनाथ की पंचमुखी डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ से केदारनाथ धाम के लिए रवाना हो गई. इस शुभ यात्रा के साथ ही बाबा केदार के कपाट खुलने की औपचारिक प्रक्रिया भी आरंभ हो गई है.
हर साल की तरह इस बार भी शीतकाल में भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान रहती है. अब गर्मी के आगमन के साथ बाबा केदार अपनी मूल स्थली केदारनाथ धाम लौट रहे हैं, जहां 2 मई को वृष लग्न में कपाट खोले जाएंगे.
भव्य पूजा के बाद डोली यात्रा रवाना
सोमवार को मंत्रोच्चारण और विधिविधान के बीच भगवान के क्षेत्रपाल भैरवनाथ की विशेष पूजा के साथ डोली यात्रा की शुरुआत हुई. भक्तों के "हर हर महादेव" और "जय केदार" के जयघोष से ऊखीमठ का वातावरण पूरी तरह भक्तिमय हो उठा. इस पवित्र यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए.
गुप्तकाशी, फाटा और गौरीकुंड
यात्रा के पहले चरण में आज डोली गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी, जहां रात्रि विश्राम होगा.
29 अप्रैल को डोली गुप्तकाशी से प्रस्थान कर फाटा पहुंचेगी.
30 अप्रैल को फाटा से गौरीकुंड स्थित गौरा देवी मंदिर तक यात्रा होगी.
इन सभी पड़ावों पर बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी और श्रद्धालु भव्य स्वागत करेंगे.
केदारनाथ धाम में 2 मई को खुलेंगे कपाट
1 मई को डोली गौरीकुंड से अंतिम चरण की यात्रा करते हुए केदारनाथ धाम पहुंचेगी. वहीं 2 मई को सुबह 7 बजे वृष लग्न में बाबा केदार के कपाट विधिविधान के साथ खोले जाएंगे. इसके साथ ही छह महीने तक चलने वाली केदारनाथ धाम की ग्रीष्मकालीन यात्रा का भी शुभारंभ हो जाएगा.
धाम में जोर-शोर से चल रही हैं तैयारियां
कपाटोद्घाटन समारोह के लिए केदारनाथ मंदिर को भव्य रूप से सजाया जा रहा है. मंदिर को 10 क्विंटल से अधिक फूलों से श्रृंगारित किया जाएगा. तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए धाम क्षेत्र में स्वास्थ्य केंद्र, भोजनालय, विश्राम स्थल और अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई हैं.
यात्रा मार्गों पर विशेष निगरानी और सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो. प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को भी दुरुस्त किया है, जिससे यात्रा सुगम और सुरक्षित बनी रहे.
ऊखीमठ में होती है शीतकालीन पूजा
हर वर्ष ठंड के मौसम में जब केदारनाथ धाम में बर्फबारी और कठिन मौसम के कारण दर्शन संभव नहीं होते, तब बाबा केदार की पंचमुखी डोली को ऊखीमठ लाया जाता है. यहां ओंकारेश्वर मंदिर में छह महीने तक विधिवत पूजा-अर्चना होती है. गर्मियों के आते ही बाबा केदार अपनी मूल स्थली केदारनाथ लौटते हैं और भक्तों को दर्शन का सौभाग्य प्रदान करते हैं.


