देशभर में ‘ब्लड मून’ ने बिखेरी रौनक, जानिए फिर कब दिखेगा ऐसा नजारा
रविवार रात की भारत, एशिया, यूरोप और अफ्रीका में पूर्ण चंद्रग्रहण का अद्भुत नजारा दिखा. लद्दाख से तमिलनाडु तक लोग आसमान की ओर टकटकी लगाए रहे. रात 9:57 बजे शुरू हुआ यह नजारा 11:01 बजे पूर्ण हुआ, जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में डूबकर तांबे जैसे लाल रंग में चमका.

Lunar Eclipse 2025: रविवार की रात भारत समेत एशिया, यूरोप और अफ्रीका के कई हिस्सों में खगोलीय घटना पूर्ण चंद्रग्रहण का नजारा देखने को मिला. लद्दाख से लेकर तमिलनाडु तक लोगों की निगाहें रात के आसमान पर टिकी रहीं. जब चंद्रमा पृथ्वी की छाया में ढक गया और लालिमा के साथ चमक उठा. रात 9:57 बजे शुरू हुए इस खगोलीय नजारे ने रात 11:01 बजे पूर्ण रूप से दिखाई दिया. जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में डूब गया और तांबे जैसे लाल रंग में चमक उठा.
82 मिनट तक रहा पूर्ण चंद्रग्रहण
भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान के विज्ञान, संचार, जन संपर्क एवं शिक्षा अनुभाग के प्रमुख नीरुज मोहन रामानुजम ने बताया कि चंद्रमा पर पूर्ण ग्रहण रात 11:01 बजे से 12:23 बजे तक 82 मिनट के लिए दिखाई दिया. उन्होंने यह भी बताया कि यह साल का आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण था, जिसकी कुल अवधि 3 घंटे 28 मिनट रही. इसके बाद 21 सितंबर 2025 को अमावस्या के दिन सूर्यग्रहण अगली बड़ी खगोलीय घटना होगी.
क्यों होता है चंद्रग्रहण?
चंद्रग्रहण तब होता है जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है जिससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है. यह पूर्णिमा की रात को होता है, लेकिन हर पूर्णिमा पर नहीं क्योंकि चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी की कक्षा से लगभग पांच डिग्री झुकी होती है.
लाल क्यों दिखता है चांद?
जवाहरलाल नेहरू तारामंडल की पूर्व निदेशक बीएस शैलजा ने बताया कि चंद्रग्रहण के दौरान चंद्रमा लाल दिखाई देता है क्योंकि उस तक पहुंचने वाला सूर्य का प्रकाश पृथ्वी के वायुमंडल से परावर्तित होकर फैल जाता है. यह लालिमा सूर्य की किरणों के बिखराव के कारण उत्पन्न होती है. जो केवल लाल रंग को चंद्रमा तक पहुंचने देती है. इसी कारण चंद्रग्रहण के दौरान चांद तांबे जैसे रंग में दिखाई देता है.
भारत में दिखा सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण
यह पूर्ण चंद्रग्रहण 2022 के बाद से भारत में दिखाई देने वाला सबसे लंबा चंद्रग्रहण था. इससे पहले इतना स्पष्ट और पूर्ण चंद्रग्रहण 27 जुलाई 2018 को देखा गया था. अब भारत में अगला पूर्ण चंद्रग्रहण 31 दिसंबर 2028 को नजर आएगा.
वैज्ञानिकों ने किया अंधविश्वासों का खंडन
भारत में चंद्रग्रहण को लेकर कई अंधविश्वास प्रचलित हैं. भोजन न करना पानी से परहेज और प्रेगनेंट महिलाओं को विशेष सावधानी बरतने जैसी मान्यताएं आम हैं. लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह केवल एक खगोलीय घटना है जिसका स्वास्थ्य या जीवन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता.


