Diwali 2025: क्यों होती है माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की एक साथ पूजा, जानिए इस पौराणिक कथा के पीछे की वजह

Lakshmi Ganesh Diwali Story: सदियों से दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा का विशेष महत्व है. इस अनूठी जोड़ी की पूजा के पीछे एक रोचक पौराणिक कथा छिपी है. तो आइए जानते हैं और समझते हैं कि क्यों ये दोनों देवी-देवता दिवाली की पूजा में एक साथ विराजते हैं.

Goldi Rai
Edited By: Goldi Rai

Lakshmi Ganesh Diwali Story: देशभर में दीपों का त्योहार दिवाली बड़े धूमधाम और श्रद्धा भाव से मनाया जाता है. यह पर्व हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और इस वर्ष 20 अक्टूबर को दिवाली का उत्सव पूरे भारत में मनाया जाएगा. इस दिन घरों को दीपों से सजाया जाता है और रात के समय शुभ मुहूर्त में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है. माना जाता है कि दिवाली की रात देवी लक्ष्मी घर-घर भ्रमण करती हैं और उन घरों में वास करती हैं जहां साफ-सफाई और पूजा विधिपूर्वक की जाती है. साथ ही भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है, ताकि व्यक्ति को विवेक और बुद्धि के साथ धन का सदुपयोग करने की प्रेरणा मिले. आइए जानते हैं कि आखिर क्यों माता लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है और इसके पीछे क्या है पौराणिक कथा.

लक्ष्मी-गणेश पूजा की पौराणिक कथा

महापुराण में वर्णित एक कथा के अनुसार एक बार माता लक्ष्मी को यह अभिमान हो गया कि समस्त संसार उनके आशीर्वाद का इच्छुक है और सभी लोग केवल उन्हें प्राप्त करने के लिए प्रयासरत रहते हैं. यह देखकर भगवान विष्णु ने लक्ष्मी जी से कहा कि

भले ही समस्त संसार तुम्हारे लिए व्याकुल हो लेकिन संतान न होने के कारण तुम स्वयं अधूरी हो और इस कारण तुम्हारे भीतर एक शून्यता है.

भगवान विष्णु की यह बात सुनकर माता लक्ष्मी दुखी हो गईं और उन्होंने यह बात माता पार्वती को बताई. इस पर माता पार्वती ने अपने पुत्र गणेश जी को लक्ष्मी जी की गोद में बैठा दिया और तभी से गणेश जी को माता लक्ष्मी का दत्तक पुत्र माना जाने लगा. इससे माता लक्ष्मी अत्यंत प्रसन्न हुईं और उन्होंने आशीर्वाद दिया कि अब से जहां मेरी पूजा होगी, वहां गणेश जी की पूजा भी अनिवार्य रूप से की जाएगी.

विवेक और धन का संतुलन 

दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की एक साथ पूजा का एक और महत्वपूर्ण कारण यह भी है कि लक्ष्मी जी धन और समृद्धि की देवी मानी जाती हैं जबकि भगवान गणेश को बुद्धि और विवेक का प्रतीक माना जाता है.

ऐसा कहा जाता है कि केवल धन की प्राप्ति से ही व्यक्ति सफल नहीं होता उसे विवेक और बुद्धि के साथ उसका सही प्रयोग करना आना चाहिए. इसलिए दीपावली के दिन लक्ष्मी जी के साथ-साथ गणेश जी की भी पूजा की जाती है ताकि व्यक्ति घमंड से बचकर सद्बुद्धि के साथ अपने धन का सदुपयोग करे.

दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजा का महत्व

  • धन और बुद्धि का संतुलन: धन के साथ विवेक आवश्यक है, इसलिए गणेश जी की पूजा अनिवार्य मानी गई है.

  • परिवार में सुख-शांति: संयुक्त पूजा से घर में स्थायी सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है.

  • पारंपरिक आस्था: सदियों से चली आ रही परंपरा के अनुसार लक्ष्मी-गणेश की एक साथ पूजा करने से जीवन में शुभता बनी रहती है.

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12 October 2025, 07:45 AM IST

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