हमास ने गाजा शांति समझौते पर हस्ताक्षर से किया इनकार... ट्रंप की योजना पर जताई आपत्ति
Hamas Refuses to sign peace agreement : गाजा शांति समझौते पर हमास ने आपत्ति जताते हुए हस्ताक्षर समारोह से खुद को अलग कर लिया है. संगठन ने ट्रंप की योजना में शामिल विस्थापन और निरस्त्रीकरण जैसे बिंदुओं को खारिज किया है. इस बीच इज़रायल ने संघर्षविराम लागू किया, जिससे हजारों फिलिस्तीनी अपने घर लौटे. शांति योजना की अगली प्रक्रिया जटिल बताई गई है, जबकि बंधकों और कैदियों की अदला-बदली की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

Hamas Refuses to sign peace agreement : मध्य पूर्व में लंबे समय से प्रतीक्षित गाजा शांति समझौते पर उस समय असमंजस की स्थिति बन गई, जब फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास ने इसके औपचारिक हस्ताक्षर समारोह में भाग लेने से इनकार कर दिया. एक वरिष्ठ हमास नेता ने समाचार एजेंसी को बताया कि डोनाल्ड ट्रंप की योजना के कई हिस्सों पर आपत्तियां होने के कारण हमास इस समझौते को फिलहाल स्वीकार नहीं करेगा.
दरअसल,एक रिपोर्ट के अनुसार, हमास ने उस प्रस्ताव को 'मूर्खतापूर्ण' करार दिया जिसमें कहा गया था कि गाजा से हमास सदस्यों को बाहर निकाला जाए. हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य होस्सम बद्रान ने संवाददाताओं से कहा कि यह विचार कि फिलिस्तीनियों को, चाहे वे हमास के सदस्य हों या नहीं, उनकी जमीन से निकाला जाए, पूरी तरह से बेतुका और अस्वीकार्य है.
ट्रंप की यात्रा से पहले बढ़ा राजनीतिक तनाव
संघर्षविराम के बाद घर लौटे लोग, लेकिन...
हालांकि ट्रंप की योजना के पहले चरण को आंशिक रूप से लागू किया जा चुका है. शुक्रवार को इज़रायल ने एकतरफा संघर्षविराम की घोषणा की और गाजा के कुछ इलाकों से अपनी सेना को हटा लिया, जिससे कई विस्थापित फिलिस्तीनी परिवार अपने उजड़े हुए घरों की ओर लौटने लगे. शनिवार को हजारों लोग गाजा की उत्तरी पट्टी की ओर पैदल, गाड़ियों और गाड़ियों से यात्रा करते दिखे. इज़रायली सेना की वापसी ऐसे समय में हुई जब हालिया युद्ध ने गाजा को बुरी तरह तबाह कर दिया और हजारों लोगों की जान ले ली.
बंधकों और कैदियों की अदला-बदली के तहत नई शर्तें
संघर्षविराम समझौते के तहत हमास को सोमवार दोपहर तक उन 47 इज़रायली बंधकों को रिहा करना होगा जो अभी भी उनके कब्जे में हैं, जिनमें कुछ की मृत्यु हो चुकी है. इनमें एक बंधक के शव को भी लौटाया जाना है जो 2014 से हमास के पास था. इसके बदले में, इज़रायल 250 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा, जिनमें कुछ को घातक हमलों में आजीवन कारावास की सजा मिली थी, साथ ही युद्ध शुरू होने के बाद पकड़े गए 1,700 गाजावासियों को भी छोड़ा जाएगा.
अमेरिका का संयोजन, लेकिन सेना गाजा में नहीं जाएगी
संघर्षविराम के तहत अमेरिका की अगुवाई में एक बहुराष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन होगा जिसमें मिस्र, कतर, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की सेनाएँ शामिल होंगी. हालांकि, अमेरिकी सैनिक गाजा में प्रवेश नहीं करेंगे. यह पहल गाजा में स्थिरता बनाए रखने और मानवीय सहायता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से की गई है.
भारी मानवीय क्षति के बीच समाधान की तलाश
गाजा में इजरायली हमलों में अब तक कम से कम 67,682 लोगों की मौत हो चुकी है, जैसा कि हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने विश्वसनीय आँकड़े माने हैं. यह युद्ध 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इज़रायल पर किए गए हमले से शुरू हुआ था, जिसमें 1,219 इज़रायली नागरिक मारे गए थे, जिनमें अधिकांश आम नागरिक थे.
गाजा में जारी यह संकट एक बार फिर दुनिया को यह सोचने पर मजबूर कर रहा है कि क्या इस क्षेत्र में स्थायी शांति संभव है. हमास के रुख से यह स्पष्ट है कि बिना सभी पक्षों की स्वीकृति और विश्वास के कोई भी शांति योजना टिकाऊ नहीं हो सकती.


