क्या आप जल्द शादी करना चाहते हैं? सीता नवमी के दिन जरूर करें ये खास उपाय
सीता नवमी के दिन कुछ सरल उपाय करके आप शीघ्र विवाह होने की संभावनाएं बढ़ा सकते हैं. यह भी मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत करने वाली विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता की जोड़ी को बहुत पवित्र माना जाता है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जाना जाता है. भगवान राम और देवी सीता की पूजा करने से आपका वैवाहिक जीवन बेहतर होगा. हिंदू धर्म में सीता नवमी को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. यह दिन भगवान राम की पत्नी माता सीता के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सीता नवमी वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. इस दिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखती हैं. साथ ही राम नवमी के दिन कुछ खास और सटीक उपाय करने से शीघ्र विवाह और मनचाहा जीवनसाथी मिल सकता है.
वैदिक पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि 5 मई को सुबह 7:35 बजे शुरू होगी और अगले दिन 6 मई को सुबह 8:38 बजे समाप्त होगी. उदय तिथि के अनुसार, इस वर्ष सीता नवमी का व्रत 5 अप्रैल को होगा. सीता नवमी की पूजा करने से आपके जीवन की सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं. सीता नवमी की पूजा करने से आपके जीवन में सकारात्मक परिणाम आते हैं. सीता माता को शांति की देवी माना जाता है. इससे आपके मन को शांत रखने में मदद मिलती है.
शीघ्र विवाह के उपाय
सीता नवमी के दिन विधिवत पूजा करने के बाद सीता को सोलह श्रृंगार का सामान अर्पित करें और श्री जानकी रामभ्याम नमः मंत्र का 108 बार जाप करें. अगर आप प्रेम विवाह करना चाहते हैं तो सीता नवमी के दिन पूरे विधि-विधान से व्रत रखें और भगवान राम और माता सीता की एक साथ पूजा करें. देवी सीता को श्रृंगार सहित चुनरी अर्पित करें. फिर जानकी स्तोत्र का पाठ करें. माँ जानकी के आशीर्वाद से आपकी मनोकामनाएं पूरी हों. यदि विवाह में कोई देरी या बाधाएं आ रही हों तो सीता नवमी के दिन भगवान श्री राम और देवी लक्ष्मी की पूजा करें. दोनों को पीले कपड़े में हल्दी की गोलियां अर्पित करें. ऐसा माना जाता है कि इस उपाय को अपनाने से शीघ्र विवाह की संभावना बढ़ जाती है.
ये बातें हमेशा याद रखें
सुबह जल्दी उठें, स्नान करें और साफ कपड़े पहनें. भगवान राम और माता सीता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. उन्हें फूल, फल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें. सीता चालीसा और जानकी स्तोत्र का पाठ करें. भगवान राम और माता सीता के वैदिक मंत्रों का ध्यान करें. सीता नवमी पर व्रत रखना शुभ माना जाता है. इस दिन फलाहार करें तथा अगले दिन सूर्योदय के बाद व्रत का पारण करें. देवी सीता को लाल वस्त्र और सौंदर्य प्रसाधन अर्पित करें. माता सीता को छाछ की खीर और अन्य सात्विक खाद्य पदार्थों का भोग लगाएं.