Explainer: आखिर क्यों शादी से पहले मिलाए जाते हैं वर-वधू के 36 गुण, वैवाहिक जीवन में क्या है इसका महत्व, जानिए सबकुछ

Explainer:हिंदू धर्म में शादी से पहले लड़का और लड़की के 36 गुण मिलाए जाते हैं.  कहा जाता है कि, इन 36 गुणों में से कम से कम 18 गुणों का मिलना बेहद जरूरी होता है तभी वैवाहिक जीवन सफल होती और कोई परेशानी नहीं होती है.

Deeksha Parmar
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Explainer: शादी एक ऐसा पवित्र बंधन है जिसमें अग्नि के सात फेरों और सात वचनों के साथ लड़का और लड़की एक पवित्र बंधन में बंध जाते हैं. हालांकि हिंदू धर्म में शादी से पहले लड़का और लड़की के गुण मिलाए जाते हैं जो बेहद महत्वपूर्ण होता है. कहा जाता है कि, अगर 36 में 18 गुण भी दोनों के मिल गए तो उनका वैवाहिक जीवन सुखमय होता है. लेकिन वहीं अगर इससे कम गुण मिलते हैं तो वैवाहिक जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अगर शादी करने वाले लड़का और लड़की के 36 गुण में से 18 गुण भी न मिले तो शादी नहीं करना चाहिए. 

शादी से पहले कैसे मिलाए जाते हैं वर-वधू के 36 गुण-

हिंदू धर्म में शादी से फिक्स होने के बाद पंडित से लड़का और लड़की के कुंडली मिलाया जाता है. कुंडली के आधार पर ही लड़का और लड़की के 36 गुण मिलाए जाते हैं. इस प्रक्रिया का वैवाहिक जीवन में खास महत्व है. दरअसल. वर वधू की कुंडली का मिलान से गुणों का मिलान होता है और इसी आधार पर ये तय किया जाता है की शादी होगी या नहीं और अगर होगी तो वैवाहिक जीवन कैसा होगा.

शादी से पहले क्यों जरूरी है कुंडली का मिलान करना-

दरअसल, हर माता-पिता चाहते हैं कि, उनके बच्चे विवाह के बाद खुशी से रहे और उनके वैवाहिक जीवन में परेशानी न आए. इसलिए हिंदू धर्म में विवाह से पहले लड़का-लड़की की कुंडली मिलाई जाती है. ज्योतिष शास्त्र में विवाह के मिलान के लिए 36 गुणों का उल्लेख किया गया है. हालांकि बहुत कम ही ऐसे लोग होते हैं जिनके 36 के 36 गुण आपस में मिलते हैं. ऐसे में अगर 36 नहीं तो कम से कम 18 गुण भी लड़का और लड़की के आपस मिलने चाहिए तभी वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है. वहीं इससे कम गुण मिले तो शादी नहीं करना चाहिए क्योंकि, वैवाहिक जीवन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

क्या होते हैं 36 गुण-

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार वैवाहिक जीवन में 36 गुण का बेहद महत्व है. 36 गुण में नाड़ी के 8 गुण, भकूट के 7 गुण, गण मैत्री के 6 गुण, ग्रह मैत्री के 5 गुण, योनि मैत्री के 4 गुण, ताराबल के 3 गुण, वश्य के 2 गुण और वर्ण के 1 गुण आदि का मिलान होता है. इसके साथ ही गुणों में ये भी देखा जाता है कि, दोनों के जीवन में संतान सुख, धन दौलत का सुख, दीर्घायु और इसमें नाड़ी का मेल मुख्य रूप से देखा जाता है. एक नाड़ी के लड़का और लड़की की शादी को भी वंचित माना जाता है.

कितने गुण मिलना होता है शुभ-

वर और वधू के 36 में से 18 गुण मिलना बेहद जरूरी होता लेकिन अगर 27 गुण मिलते हैं तो यह बेहद शुभ माना जाता है. अगर किसी वर और वधू के 36 में से 27 गुण मिल जाते हैं तो उनका वैवाहिक जीवन बहुत सुखमय होता है. आपको बता दें कि, भगवान राम और माता सीता के 36 में से 36 गुण मिले थे. कुंडली मिलान करते समय इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि, लड़का या लड़की मांगलिक न हो क्योंकि मांगलिक लड़का और लड़की शादी मांगलिक से ही होती है.

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17 January 2024, 06:08 PM IST

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