हनुमान जी को प्रिय क्यों है केसर भात? जानिए इसके धार्मिक और ज्योतिषीय लाभ
10 जून 2025 को ज्येष्ठ मास का अंतिम बड़ा मंगलवार है, जिसे हनुमान जी की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. इस दिन उन्हें केसर भात का भोग विशेष रूप से अर्पित किया जाता है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से पवित्र है बल्कि ज्योतिष के अनुसार भी अत्यधिक लाभकारी माना गया है.

ज्येष्ठ मास के अंतिम बड़े मंगलवार (10 जून 2025) को हनुमान भक्तों के लिए विशेष महत्व प्राप्त है. इस दिन हनुमान जी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित किए जाते हैं. इन्हीं में एक है केसर भात, जिसे बजरंगबली को अत्यंत प्रिय माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, केसर भात का भोग लगाने से हनुमान जी जल्द प्रसन्न होते हैं और साधक को अद्भुत बल, बुद्धि और ऊर्जा प्रदान करते हैं.
धार्मिक परंपरा और ज्योतिष के अनुसार, केसर भात न केवल पूजा का एक भाग है बल्कि इसके पीछे कई आध्यात्मिक और ग्रहदोष निवारक कारण भी छिपे हैं. आइए विस्तार से समझते हैं केसर भात के पीछे की आस्था और इसके लाभ.
हनुमान जी को केसर भात क्यों चढ़ाया जाता है?
हनुमान जी को विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं, जैसे- पान का बीड़ा, गुड़-चना, लड्डू, इमरती और जलेबी. लेकिन केसर भात, यानी केसर मिले मीठे चावल का भोग, उन्हें विशेष प्रिय है. इसका कारण यह है कि केसर को हिंदू धर्म में पवित्रता और शक्ति का प्रतीक माना जाता है. यह न केवल पूजा में शुभ माना जाता है, बल्कि इसका संबंध मंगल ग्रह से भी है, जो ऊर्जा और पराक्रम का प्रतीक है.
ज्येष्ठ के अंतिम बड़े मंगलवार का महत्व
10 जून 2025 को आने वाला मंगलवार, ज्येष्ठ मास का अंतिम बड़ा मंगल है. यह दिन विशेष रूप से बजरंगबली को समर्पित होता है. मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से शनि, मंगल और अन्य ग्रह दोषों से मुक्ति मिलती है.
ज्योतिष के अनुसार केसर भात के लाभ
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास के अनुसार, "केसर भात का भोग लगाने से न केवल हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं, बल्कि इससे साधक को शारीरिक बल, मानसिक शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है.
इसके अलावा, रोग और शोक से राहत मिलती है.
नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
शनि और मंगल के दोषों से मुक्ति मिलती है.
मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.
कब और कैसे चढ़ाएं केसर भात?
हनुमान जी को केसर भात का भोग मंगलवार या शनिवार को अर्पित किया जा सकता है. इसे शुद्ध घी और केसर से बने मीठे चावल के रूप में तैयार किया जाता है. पूजा के बाद इस भोग को खुद भी प्रसाद के रूप में ग्रहण करें, इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
केसर भात न केवल एक भोग है, बल्कि यह शक्ति, भक्ति और शुद्धता का प्रतीक है. हनुमान जी को यह भोग लगाकर आप उनकी कृपा जल्दी पा सकते हैं और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर कर सकते हैं. विशेष रूप से ज्येष्ठ मास के बड़े मंगलवार को यह भोग और भी अधिक फलदायी माना जाता है.