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Mahakumbh 2025: पौष पूर्णिमा के साथ शुरू हुआ आस्था और आध्यात्म का महासंगम, आज लाखों लोग संगम में लगाएंगे आस्था की डुबकी

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 का आगाज सोमवार को प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम स्थल पर हुआ. पौष पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाकर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं. अगले 45 दिनों तक यह आयोजन दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम का गवाह बनेगा.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

Mahakumbh 2025: पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रयागराज में महाकुंभ की भव्य शुरुआत हो गई है. संगम तट पर शाही स्नान के लिए लाखों श्रद्धालु जुटे हुए हैं. बीते दो दिनों से आस्था का यह महासागर लगातार बढ़ रहा है. गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाकर भक्त आध्यात्मिक शांति का अनुभव कर रहे हैं. यह आयोजन परंपरा और आधुनिकता का अनोखा संगम पेश कर रहा है.

महाकुंभ की शुरुआत से पहले ही 25 लाख से अधिक श्रद्धालु 11 जनवरी को संगम में डुबकी लगा चुके हैं. यह आयोजन 12 वर्षों के अंतराल पर होता है, लेकिन संतों का मानना है कि इस बार खगोलीय परिवर्तन इसे और भी शुभ बना रहे हैं.

आधुनिकता और अध्यात्म का संगम

महाकुंभ 2025 को एक डिजिटल और उन्नत आयोजन का रूप दिया गया है. एआई तकनीक के इस्तेमाल से सुरक्षा और सुविधाओं की निगरानी हो रही है. श्रद्धालुओं के लिए डिजिटल मानचित्र और सफाई व्यवस्था को स्मार्टफोन से जोड़ा गया है.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

मेला क्षेत्र में 55 से अधिक थाने और 45,000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. सोशल मीडिया की निगरानी भी की जा रही है ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोका जा सके.  

सजावट और भव्यता का मेल

प्रयागराज के कार्यालयों और चौराहों को हिंदू धर्म की झलक दिखाने वाले चित्रों और सजावट से सजाया गया है. प्रवेश द्वारों को थीम आधारित डिजाइनों से भव्य रूप दिया गया है, जो श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करते हैं.

मुख्यमंत्री का संदेश

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसे भारत की प्राचीन सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने वाला आयोजन बताया. उन्होंने कहा, "महाकुंभ धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक है."  

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहला कुंभ

यह कुंभ विशेष है क्योंकि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार हो रहा है. अखाड़ों और धार्मिक संगठनों के शिविर भी पूरी भव्यता से तैयार हैं.  संगम तट पर श्रद्धालु परंपराओं से जुड़ने और आध्यात्मिकता का अनुभव लेने आए हैं। पवित्र स्नान को कैमरों में कैद कर वे इन यादों को संजो रहे हैं. महाकुंभ 2025 आस्था, परंपरा और आधुनिकता का संगम है, जो भारत की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर गौरवान्वित करता है.

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13 January 2025, 06:31 AM IST

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