जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा और विकास को लेकर एक अहम फैसला... अब मिलेगा और बेहतर संरक्षण, साथ ही मठों का पुनर्वास भी
पुरी जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा और विकास को लेकर बड़ा फैसला! अब मंदिर में लगेगा खास एंटी-ड्रोन सिस्टम और रथयात्रा के लिए भी मिलेगी सरकार से खास मदद. साथ ही पुराने मठों का पुनर्वास भी जल्द शुरू होगा. पूरी तैयारी और सरकारी योजना जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर....

Puri Jagannath Temple: पुरी का जगन्नाथ मंदिर देशभर में अपनी धार्मिक महत्ता और भव्य रथयात्रा के लिए जाना जाता है. मंदिर की सुरक्षा और विकास को लेकर हाल ही में सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं. इन फैसलों से न सिर्फ मंदिर की सुरक्षा पुख्ता होगी बल्कि मंदिर के आसपास के धार्मिक स्थलों का भी पुनर्वास होगा. आइए विस्तार से जानते हैं क्या-क्या नए कदम उठाए जा रहे हैं.
पुरी जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए एंटी-ड्रोन तकनीक लागू होगी
पुरी जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए सरकार अब एंटी-ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल करेगी. कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने पुलिस विभाग के साथ इस संबंध में चर्चा की है. जरूरत पड़ने पर मंदिर प्रशासन इस तकनीक के खर्च को वहन करेगा. इस तकनीक की मदद से अगर कोई अनधिकृत ड्रोन मंदिर के आस-पास उड़ाने की कोशिश करेगा, तो उसे तुरंत पकड़ा या गिरा दिया जाएगा. इससे मंदिर की सुरक्षा बेहतर होगी और भक्तों को शांति से दर्शन करने का मौका मिलेगा.
रथयात्रा के लिए सरकार देगी आर्थिक सहायता
पुरी में हर साल लगने वाली विश्वप्रसिद्ध रथयात्रा के लिए भी सरकार आर्थिक मदद करेगी. रथ निर्माण और आयोजन के लिए आवश्यक राशि देवोत्तर आयोग के माध्यम से जगन्नाथ मंदिर को दी जाएगी. कानून मंत्री ने कहा है कि इसके लिए कई आवेदन आए हैं और जिन लोगों ने अभी तक आवेदन नहीं किया है, उनके लिए भी व्यवस्था की जाएगी. इस कदम से रथयात्रा और भी भव्य और सफल होगी.
मंदिर प्रबंधन कमेटी में व्यवस्था पर मंत्री का भरोसा
मंदिर प्रबंधन कमेटी में 15% सदस्य बाहर के रहते हैं, लेकिन इसके बावजूद संचालन में कोई दिक्कत नहीं होती. कानून मंत्री ने कहा कि एक्ट के मुताबिक जो करना चाहिए, वह किया जा रहा है. कमेटी में स्थाई सदस्य, निमंत्रित सदस्य और चार्टर्ड एकाउंटेंट जैसे विशेषज्ञ शामिल हैं, जिससे मंदिर के फैसले आसानी से और पारदर्शिता से लिए जा रहे हैं. गजपति महाराज अध्यक्ष के रूप में कमेटी का नेतृत्व कर रहे हैं.
पुरी के मठों का पुनर्वास: भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी
पुरी शहर में पूर्व में जो 19 मठ, मंदिर परिक्रमा परियोजना के दौरान टूट गए थे, उनका पुनर्वास जल्द शुरू हो जाएगा. नवीन सरकार के कार्यकाल में ये मठ ध्वस्त किए गए थे लेकिन अब मोहन चरण माझी की सरकार ने इन मठों को एक ही स्थान पर पुनर्स्थापित करने का फैसला लिया है. इससे भक्तों को पवित्र स्थलों की यात्रा में आसानी होगी और मठों को श्रीमंदिर की सेवाएं देना भी सरल होगा. जमीन की पहचान पहले ही कर ली गई है और प्रक्रिया जल्दी शुरू होने वाली है.
संस्कृति और धर्म के संरक्षण में सरकार का संकल्प
पुरी के पवित्र मंदिरों और मठों की सुरक्षा व पुनर्वास को लेकर सरकार गंभीर है. मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने स्पष्ट किया कि सभी संबंधित पक्षों के साथ बैठकर इन मुद्दों का समाधान किया जा रहा है. यह कदम मंदिर की धार्मिक महत्ता को बढ़ावा देगा और भक्तों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएगा.
पुरी जगन्नाथ मंदिर की सुरक्षा के लिए एंटी-ड्रोन तकनीक का प्रयोग और रथयात्रा के लिए आर्थिक मदद से मंदिर और भक्त दोनों को बड़ा फायदा होगा. साथ ही मठों के पुनर्वास से पुरी की धार्मिक विरासत सुरक्षित रहेगी. सरकार की यह पहल श्रद्धालुओं के लिए खुशी की बात है और यह पुरी को और भी पवित्र, सुरक्षित और समृद्ध बनाएगी.


