सावन का हर दिन है यज्ञ के समान, हर क्षण है तप का अवसर, जानें शिव भक्ति का महत्व
सावन का महीना सिर्फ पूजा-अर्चना का समय नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, नियम और तपस्या का पर्व है. मान्यता है कि इस पावन मास में भगवान शिव स्वयं धरती पर विचरण करते हैं और हर सच्चे भक्त के भाव को स्वीकार करते हैं. अगर इस माह में शिव जी की सच्चे मन से पूजा करे तो विशेष कृपा मिलती हैं.

सावन का महीना भगवान शिव की उपासना का सबसे पवित्र समय माना जाता है. मान्यता है कि इस पूरे मास सृष्टि के संचालन की बागडोर स्वयं भगवान शिव संभालते हैं और धरती पर विचरण करते हैं. ऐसे में श्रद्धा, नियम और विधि-विधान से की गई पूजा हर कष्ट को हरने वाली होती है. लेकिन कई भक्त ऐसी छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे उन्हें पूजन का संपूर्ण फल नहीं मिल पाता.
देवघर स्थित प्रसिद्ध बाबा बैद्यनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने बताया कि सावन में शिवलिंग की पूजा से पहले एक विशेष नियम का पालन अत्यंत आवश्यक है, वरना भक्ति अधूरी रह सकती है. उन्होंने बताया कि कैसे मंदिर जाकर शिवलिंग की बजाय पहले किनकी पूजा करनी चाहिए और क्यों यह भोलेनाथ को अधिक प्रिय होता है.
क्यों जरूरी है पहले गणेश और नंदी की पूजा?
शास्त्रों और मंदिर व्यवस्था के अनुसार, किसी भी शिवलिंग के सामने भगवान गणेश और दक्षिण दिशा में भगवान नंदी विराजमान होते हैं. ये दोनों भगवान शिव के परम प्रिय सेवक माने जाते हैं.पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी बताते हैं, जो भी भक्त मंदिर में शिव की आराधना करता है, उसे सबसे पहले गणेश जी और फिर नंदी महाराज की पूजा करनी चाहिए. ऐसा करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं और पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है.
शिवलिंग की पूजा से पहले क्या करें?
मंदिर में प्रवेश करने के बाद सर्वप्रथम हाथ-पैर धोकर शुद्ध भाव से भगवान गणेश के दर्शन करें और उन्हें प्रणाम करें. फिर नंदी महाराज को प्रणाम करें और उनकी पीठ पर हल्के हाथ से स्पर्श करते हुए प्रार्थना करें. इसके बाद ही भगवान शिव के शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध आदि अर्पित करें.
सावन में हर दिन है यज्ञ और तपस्या के समान
आपको बता दें कि सावन मास को यूं ही देवों का प्रिय नहीं कहा गया. इस माह का हर दिन यज्ञ के समान पवित्र और हर क्षण तपस्या के समान फलदायी होता है. जो भक्त इस महीने श्रद्धा और नियमपूर्वक शिव आराधना करता है, उसके जीवन से सारे कष्ट मिट जाते हैं. इस महीने में भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं, रोग, दोष और दरिद्रता का नाश होता है.
शिवलिंग पूजन से पहले इन बातों का रखें विशेष ध्यान
कभी भी सीधा शिवलिंग पर जल चढ़ाने से पहले गणेश और नंदी की पूजा न छोड़ें.
पूजा करते समय ध्यान और भावनाओं में एकाग्रता रखें, तभी आराधना सफल होती है.
बेलपत्र पर नाम या कोई लिखा न हो और वह तीन पत्तों वाला हो – यही भोलेनाथ को प्रिय होता है.


