91 की मौत, 432 घर ढहे, 749 करोड़ का नुकसान...हिमाचल में बारिश का तांडव, आज भी कई जिलों में अलर्ट
Himachal Flood Crisis: हिमाचल प्रदेश इस समय भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है. मानसून की भारी बारिश ने प्रदेश में तबाही का तांडव मचा दिया है. अब तक 91 लोगों की जान जा चुकी है, सैकड़ों घर ढह चुके हैं और करोड़ों की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है. मौसम साफ होने के बावजूद हालात सामान्य नहीं हैं. मौसम विभाग ने 17 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जबकि 13 जुलाई को कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट लागू रहेगा.

Himachal Flood Crisis: हिमाचल प्रदेश में मानसून इस बार तबाही की नई कहानी लिख रहा है. लगातार हो रही भारी बारिश ने अब तक 91 जिंदगियां निगल ली हैं, 432 घर पूरी तरह उजड़ चुके हैं और करीब 749 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हो चुका है. राहत की बात यह है कि शुक्रवार को मौसम कुछ हद तक साफ रहा, लेकिन फिर भी प्रदेश के कई हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई.
मौसम विभाग ने 17 जुलाई तक प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट और 13 जुलाई को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. हालात इतने गंभीर हैं कि एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 223 सड़कें अब भी बंद हैं. मंडी, कांगड़ा, शिमला और सिरमौर जैसे ज़िले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. वहीं शुक्रवार सुबह चंबा में भूकंप के झटकों ने डर और अनिश्चितता और बढ़ा दी.
मौसम विभाग का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी
हालांकि शुक्रवार को अधिकांश इलाकों में मौसम साफ रहा, लेकिन कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई. शिमला के जुब्बड़हट्टी में 47 मिमी और नारकंडा में 12 मिमी बारिश हुई.मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 12 जुलाई को शिमला, सोलन और सिरमौर में भारी बारिश हो सकती है, जबकि 13 जुलाई को प्रदेश के कई क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट लागू रहेगा. 17 जुलाई तक भारी बारिश की आशंका बनी हुई है.
मंडी और कांगड़ा में सबसे ज्यादा नुकसान
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, अब भी 223 सड़कें (जिसमें एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी शामिल है) भूस्खलन व मलबे के कारण बंद हैं. इसके अलावा 151 ट्रांसफार्मर और 815 पेयजल योजनाएं ठप हो चुकी हैं.मंडी जिले की स्थिति सबसे ज्यादा खराब है, जहां अकेले 166 सड़कें, 143 ट्रांसफार्मर और 204 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं. कांगड़ा में 603 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं.
अब तक 91 की मौत, 749 करोड़ का नुकसान
इस मानसून में अब तक 91 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 34 लोग लापता हैं और 131 घायल हुए हैं.प्राकृतिक आपदाओं से 432 घर पूरी तरह तबाह हो चुके हैं, जबकि 928 मकानों को आंशिक नुकसान पहुंचा है.अब तक राज्य को 749 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है, जो हर बीतते दिन के साथ बढ़ता जा रहा है.
चंबा में महसूस किए गए भूकंप के झटके
प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहे हिमाचल में शुक्रवार सुबह चंबा जिले में रिक्टर स्केल पर 3.5 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया.भूकंप सुबह 6:23 बजे महसूस किया गया और इसका केंद्र जमीन से 5 किलोमीटर गहराई में था.उपायुक्त मुकेश रेप्सवाल ने बताया कि झटकों के तुरंत बाद प्रशासन को अलर्ट पर रखा गया.


