दिल्ली के सीलमपुर में गिरी चार मंजिला इमारत, मलबे में दबीं कई जिंदगियां, 2 की मौत
दिल्ली के सीलमपुर इलाके में शनिवार सुबह एक चार मंजिला इमारत अचानक ढह गई, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. हादसे में कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है. जानकारी के मुताबिक अबतक दो लोगों की मौत हो गई है. वहीं तीन से चार लोगों को अब तक सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है. राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है.

Delhi building collapse: दिल्ली में शनिवार सुबह एक बड़ा हादसा सामने आया, जब सीलमपुर इलाके में एक चार मंजिला इमारत अचानक भरभराकर गिर गई. हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोग व राहत दल तुरंत बचाव कार्य में जुट गए. दमकल विभाग के अनुसार, अब तक तीन से चार लोगों को सुरक्षित निकालकर अस्पताल भेजा गया है, लेकिन अभी भी कई लोगों के मलबे के नीचे दबे होने की आशंका है. मौके पर सात दमकल गाड़ियों को तैनात किया गया है और राहत एवं बचाव कार्य तेजी से जारी है.
घटना की जानकारी मिलते ही आसपास के लोग घटनास्थल पर पहुंच गए और मलबा हटाने में मदद करने लगे. सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह स्थानीय लोग राहत दल के साथ मिलकर मलबा हटाने और घायलों को बाहर निकालने में जुटे हुए हैं. एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया, "हमें सुबह 7 बजे एक कॉल मिली कि सीलमपुर में एक इमारत ढह गई है. मौके पर सात दमकल गाड़ियां भेजी गई हैं और कई टीमें काम कर रही हैं. विस्तृत जानकारी का इंतजार है."
#WATCH | Delhi: Locals help in clearing the debris after a ground-plus-three building collapses in Delhi's Seelampur. 3-4 people have been taken to the hospital. More people are feared trapped. https://t.co/VqWVlSBbu1 pic.twitter.com/UWcZrsrWOb
— ANI (@ANI) July 12, 2025
शुक्रवार को भी हुआ था बड़ा हादसा
गौरतलब है कि यह हादसा एक दिन पहले हुए एक अन्य भवन गिरने की घटना के बाद सामने आया है. शुक्रवार तड़के दिल्ली के आजाद मार्केट इलाके में तीन पुराने व्यावसायिक भवनों के ढहने से एक 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी. यह हादसा दिल्ली मेट्रो की जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर के टनलिंग प्रोजेक्ट के "इंफ्लुएंस ज़ोन" में पुल मिठाई इलाके में हुआ था.
DMRC ने पीड़ित परिवार को दी मदद
इस हादसे के बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने पीड़ित के परिवार को ₹5 लाख की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की. DMRC का यह भी कहना था कि टनलिंग कार्य शुरू होने से पहले इमारतों के मालिकों को इन संरचनाओं को असुरक्षित घोषित कर खाली करने की चेतावनी दी गई थी.
3 दशक पुरानी इमारतें थीं हादसे की शिकार
हादसे की शिकार इमारतें दो चार मंजिला और एक तीन मंजिला करीब 30 साल पुरानी थीं और मुख्य रूप से थोक बैग व कैनवास फैब्रिक के गोदाम के रूप में उपयोग की जाती थीं. पुलिस के अनुसार, इन इमारतों में आम तौर पर 25 लोग काम करते थे, लेकिन हादसे के वक्त (सुबह 2 बजे) केवल एक व्यक्ति अंदर था. बताया गया कि घटना के समय कार्यस्थल बंद था और एक ट्रक भी मलबे की चपेट में आ गया.
तेजी पर राहत व बचाव कार्य
सीलमपुर की घटना के बाद प्रशासन ने राहत व बचाव कार्य तेज कर दिए हैं. एनडीआरएफ व दिल्ली पुलिस की टीम मौके पर डटी हुई हैं और मलबे में फंसे लोगों को निकालने का प्रयास लगातार जारी है. अधिकारियों के अनुसार, जब तक सभी फंसे हुए लोगों को बाहर नहीं निकाला जाता, तब तक अभियान जारी रहेगा.


