कर्नाटक के इस मंदिर में गए थे विक्की-कैफ, यहां दर्शन से होती है पुत्र प्राप्ति!
कैटरीना कैफ ने 7 नवंबर को एक बेटे को जन्म दिया है. इस खबर के सामने आते ही फैंस और फिल्म इंडस्ट्री के लोग इस जोड़े को बधाइयां दे रहे हैं.

बॉलीवुड के लोकप्रिय कपल विक्की कौशल और कैटरीना कैफ के घर खुशियों ने दस्तक दी है. कैटरीना कैफ ने 7 नवंबर को एक बेटे को जन्म दिया है. इस खबर के सामने आते ही फैंस और फिल्म इंडस्ट्री के लोग इस जोड़े को बधाइयां दे रहे हैं. कैटरीना और विक्की ने दिसंबर 2021 में राजस्थान के सिक्स सेंस फोर्ट बरवारा में शादी की थी. हाल ही में अभिनेत्री ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रेग्नेंसी की जानकारी साझा की थी.
सुब्रमण्यम मंदिर पहुंचा था कपल
कुछ महीने पहले यह स्टार कपल कर्नाटक के प्रसिद्ध कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर पहुंचा था, जहां उन्होंने विशेष पूजा-अर्चना की थी. इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से पुत्र रत्न की कामना करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है. अब कैटरीना के बेटे के जन्म के बाद लोगों ने इस मान्यता से इस खुशखबरी को जोड़कर देखा है.
कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर का धार्मिक महत्व
यह मंदिर कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले के सुल्या तालुका में स्थित है और भगवान सुब्रह्मण्य को समर्पित है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस मंदिर में दर्शन करने से संतान से जुड़ी बाधाएं दूर होती हैं. यहां पूजा करने से भक्तों को संतान सुख प्राप्त होता है और वर्षों से संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाले अनेक भक्तों ने अपनी मनोकामनाएं पूरी होते देखी हैं.
इस मंदिर की विशेषता यह है कि यहां भगवान सुब्रह्मण्य की पूजा सर्प स्वरूप में की जाती है. कहा जाता है कि जब नागराज वासुकी और अन्य सर्प गरुड़ से बचने के लिए शरण की तलाश में थे, तब भगवान सुब्रह्मण्य ने उन्हें यहीं संरक्षण दिया था. यही कारण है कि यह मंदिर सर्प दोष निवारण के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां अश्लेषा बलि और सर्प संस्कार जैसी विशेष पूजाएं की जाती हैं.
मंदिर का स्थान और स्वरूप
कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर द्रविड़ स्थापत्य शैली में निर्मित है और सुंदर कुमार पर्वत की तलहटी में स्थित है. मंदिर के पास बहने वाली कुमारधारा नदी को पवित्र माना जाता है, जहां श्रद्धालु स्नान कर पूजा-अर्चना करते हैं. यहां हर वर्ष लक्षदीपोत्सव जैसे भव्य उत्सव आयोजित किए जाते हैं. यह मंदिर अपनी धार्मिक मान्यताओं और समृद्धि के कारण कर्नाटक के सबसे धनी और प्रसिद्ध मंदिरों में गिना जाता है.


