पाकिस्तान का ये खिलाड़ी है हनुमान जी का भक्त, 1500 साल पुराने इस मंदिर में करता है दर्शन
पाकिस्तान क्रिकेट टीम में हिंदू क्रिकेटरों का आना भले ही कठिन हो, लेकिन एक ऐसा खिलाड़ी है जो अपनी आस्था से कभी नहीं हटा. यह क्रिकेटर हनुमान जी का अटल भक्त है, जो नियमित रूप से उनका दर्शन करता है और हिंदू त्योहारों को बड़े धूमधाम से मनाता है.

भारत में हनुमान जयंती हर साल धूमधाम से मनाई जाती है. इस बार यह त्योहार 12 अप्रैल को है. कई भारतीय क्रिकेटर इस दिन विशेष रूप से हनुमान जी की पूजा करते हैं, जिनमें हार्दिक पांड्या, सुरेश रैना, गौतम गंभीर और विराट कोहली शामिल हैं. ये खिलाड़ी हनुमान जी में अपनी आस्था व्यक्त कर चुके हैं और मैदान पर सफलता पाने के लिए उनके आशीर्वाद का सहारा लेते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक पाकिस्तानी खिलाड़ी भी हनुमान जी के प्रति गहरी श्रद्धा रखते हैं? हम बात कर रहे हैं दानिश कनेरिया की, जो अक्सर हिंदू त्योहारों को धूमधाम से मनाते हैं.
कराची में भव्य पंचमुखी हनुमान मंदिर
कनेरिया ने कुछ साल पहले कराची में स्थित पाकिस्तान के सबसे प्राचीन और भव्य पंचमुखी हनुमान मंदिर में दर्शन किए थे. यह मंदिर लगभग 1500 साल पुराना है. कनेरिया ने इस मंदिर में जाकर पूजा की और एक वीडियो बनाकर उसकी विशेषताएँ भी साझा की. मंदिर के पुजारी और वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन के अध्यक्ष से बातचीत करते हुए कनेरिया ने बताया कि यहां की मूर्ति किसी ने बनाई नहीं है, बल्कि वह प्राकृतिक रूप से प्रकट हुई है. यह मान्यता है कि श्री पंचमुखी हनुमान जी इसी स्थान पर प्रकट हुए थे और तभी से उनकी पूजा की जा रही है. कनेरिया ने यह भी बताया कि भगवान राम, लक्ष्मण और सीता माता यहां आए थे और इस मंदिर का इतिहास काफी संघर्षपूर्ण रहा, क्योंकि इस पर कब्जा कर लिया गया था, लेकिन वर्षों की लड़ाई के बाद इसे मुक्त करवा लिया गया.
दानिश कनेरिया की भगवान राम में गहरी आस्था
दानिश कनेरिया की भगवान राम में भी गहरी आस्था है. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर बनने पर खुशी व्यक्त की और इच्छा जताई कि यदि मौका मिला तो वह अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन करेंगे. पाकिस्तान के क्रिकेट इतिहास में अब तक सिर्फ दो हिंदू क्रिकेटर हुए हैं, जिनमें से दानिश कनेरिया एक हैं. कनेरिया ने आरोप लगाया था कि धर्म परिवर्तन का दबाव डालने और हिंदू होने के कारण उनके साथ भेदभाव हुआ था, जिसके कारण उन्हें अंत में पाकिस्तान छोड़ना पड़ा.


