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भारत की वो गौरवशाली बेटियां, जिन्होंने खेल रत्न से रचा इतिहास, देखिए लिस्ट

International Women's Day Special: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भारतीय खेल जगत की उन नायिकाओं को सलाम, जिन्होंने अपनी मेहनत और संघर्ष से देश का नाम रोशन किया. मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, जो भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान है, 1991-92 में शुरू हुआ था और अब तक 62 एथलीट्स को दिया जा चुका है. हाल ही में यह सम्मान हरमनप्रीत सिंह, डी गुकेश और मनु भाकर को मिला है.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

International Women's Day Special: अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर भारतीय खेल जगत की उन नायिकाओं को सलाम, जिन्होंने अपनी मेहनत, संघर्ष और लगन से देश का नाम रोशन किया. भारत का सर्वोच्च खेल सम्मान, मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, 1991-92 में शुरू हुआ था और अब तक कुल 62 एथलीट्स को मिल चुका है. हाल ही में यह पुरस्कार भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह, शतरंज के युवा ग्रैंडमास्टर डी गुकेश और दो बार के पेरिस ओलंपिक ब्रॉन्ज मेडलिस्ट मनु भाकर को दिया गया.  

हालांकि, ओलंपिक्स जैसे बहु-खेल आयोजनों में भारत की परफॉर्मेंस अब भी उम्मीद के मुताबिक नहीं रही है, लेकिन महिलाओं ने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया है. करणम मल्लेश्वरी और अंजू बॉबी जॉर्ज के समय में जहां महिला खिलाड़ी अपवाद मानी जाती थी, वहीं आज हालात पूरी तरह बदल चुके हैं. इसका श्रेय बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, खेल सुविधाओं और सबसे महत्वपूर्ण पारिवारिक सहयोग को जाता है. यही वजह है कि मनिका बत्रा, ज्योति यार्राजी, विनेश फोगाट, निखत जरीन और लवलीना बोरगोहेन जैसी खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का परचम लहरा रही हैं.  

केवल 21 महिला खिलाड़ियों को मिला खेल रत्न पुरस्कार  

भारत में खेल रत्न सम्मान पाने वाले 62 खिलाड़ियों में सिर्फ 21 महिलाएं शामिल हैं, जो कुल विजेताओं का मात्र 1/3 हिस्सा हैं. हालांकि, पुरुष खिलाड़ियों की उपलब्धियों की तुलना में, महिलाओं का प्रदर्शन कहीं अधिक प्रभावी और शानदार रहा है. नीरज चोपड़ा के अलावा भारत के पास ऐसा कोई पुरुष एथलीट नहीं है, जो ओलंपिक्स में मेडल की गारंटी दे सके, लेकिन महिला खिलाड़ियों ने बार-बार खुद को साबित किया है. एशियाई खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों और ओलंपिक्स में भारतीय महिला खिलाड़ियों का प्रदर्शन देश को भविष्य में और अधिक मेडल दिलाने की उम्मीद जगाता है.  

इन खेलों में दिखा महिला खिलाड़ियों का दबदबा  

अब तक 11 अलग-अलग खेलों में भारतीय महिला एथलीट्स को खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. इनमें से कुछ खेलों में महिलाओं ने पहली बार पुरस्कार जीतकर इतिहास रचा है. उदाहरण के लिए, मिथाली राज क्रिकेट में यह सम्मान पाने वाली इकलौती महिला हैं, जबकि रानी रामपाल और मनिका बत्रा ने क्रमशः हॉकी और टेबल टेनिस में यह उपलब्धि हासिल की है. दीपा मलिक यह सम्मान पाने वाली पहली और एकमात्र पैरा-एथलीट हैं, जिन्होंने शॉट पुट, भाला फेंक और डिस्कस थ्रो में भारत का प्रतिनिधित्व किया.  

खेल रत्न पुरस्कार जीतने वाली भारतीय महिला एथलीट्स की पूरी सूची  

वेटलिफ्टिंग में भारत की पहली खेल रत्न विजेता  

- करणम मल्लेश्वरी (1994/95) – वेटलिफ्टिंग  

- नैमिराक्पम कुंजरानी देवी (1995/96) – वेटलिफ्टिंग  

एथलेटिक्स में भारतीय महिलाओं का जलवा  

- ज्योतिर्मयी सिकदर (1998/99) – दौड़  

- के.एम. बीनामोल (2002) – दौड़  

- अंजू बॉबी जॉर्ज (2003) – लॉन्ग जंप  

शूटिंग में बेहतरीन प्रदर्शन  

- अंजलि भागवत (2002) – शूटिंग  

- मनु भाकर (2024) – शूटिंग  

बॉक्सिंग में दमदार महिलाएं  

- मैरी कॉम (2009) – बॉक्सिंग  

- लवलीना बोरगोहेन (2021) – बॉक्सिंग  

बैडमिंटन-टेनिस में इतिहास रचने वाली खिलाड़ी  

- साइना नेहवाल (2010) – बैडमिंटन  

- पीवी सिंधु (2016) – बैडमिंटन  

- सानिया मिर्जा (2015) – टेनिस  

अन्य खेलों में महिला खिलाड़ियों की ऐतिहासिक उपलब्धियां  

- दीपा करमाकर (2016) – जिम्नास्टिक्स  

- साक्षी मलिक (2016) – कुश्ती  

- सैखोम मीराबाई चानू (2018) – वेटलिफ्टिंग  

- दीपा मलिक (2019) – पैरा एथलेटिक्स (शॉट पुट, भाला फेंक, डिस्कस थ्रो)  

- मनिका बत्रा (2020) – टेबल टेनिस  

- विनेश फोगाट (2020) – कुश्ती  

- रानी रामपाल (2020) – हॉकी  

- अवनी लेखरा (2021) – पैरा शूटिंग  

- मिथाली राज (2021) – क्रिकेट  

महिला खिलाड़ियों की सफलता

इन महिला खिलाड़ियों की सफलता सिर्फ खेलों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत में महिला सशक्तिकरण का भी प्रतीक है. उनके प्रदर्शन ने न सिर्फ खेलों में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा दिया है, बल्कि समाज की सोच को भी बदला है. आज भारत में लड़कियां खेलों को करियर के रूप में अपनाने के लिए प्रेरित हो रही हैं और इसका श्रेय उन एथलीट्स को जाता है, जिन्होंने यह दिखाया कि अगर सपने बड़े हों और इरादे मजबूत, तो कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. 

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08 March 2025, 10:17 AM IST

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