मुंबई के विरार में चार मंजिला इमारत गिरने से 12 लोगों की मौत, 6 घायल
महाराष्ट्र के पालघर ज़िले में चार मंजिला इमारत का पिछला हिस्सा अचानक ढहकर गिर गया. इस हादसे में मां-बेटी समेत कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हैं.

A four-storey building collapsed in Virar: महाराष्ट्र के पालघर ज़िले के विरार में बुधवार देर रात बड़ा हादसा हो गया. यहां एक अनधिकृत चार मंजिला इमारत का पिछला हिस्सा अचानक ढहकर बगल की खाली पड़ी चॉल पर गिर पड़ा. इस हादसे में मां-बेटी समेत कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, जबकि छह लोग गंभीर रूप से घायल हैं. जिला प्रशासन ने बताया कि अब तक मलबे से छह शव निकाले जा चुके हैं. वहींं, छह अन्य घायलों ने इलाज के दौरान विभिन्न अस्पतालों में दम तोड़ दिया.
रात 11:30 बजे हुआ हादसा
जानकारी के अनुसार यह घटना विरार के नारंगी रोड पर चामुंडा नगर और विजय नगर के बीच स्थित रमाबाई अपार्टमेंट में हुई. हादसा रात करीब 11:30 बजे पेश आया. इमारत का पिछला हिस्सा गिरते ही आसपास अफरा-तफरी मच गई. चूंकि कई लोग इमारत और चॉल में फंसे हुए थे. इसलिए तुरंत बचाव अभियान शुरू किया गया. मौके पर वसई-विरार नगर निगम (वीवीएमसी) का अग्निशमन विभाग और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की दो टीमों ने मोर्चा संभाला.
छह लोग अस्पतालों में भर्ती
नगर निगम द्वारा जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि छह लोग अभी भी विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं. इनमें से कुछ का इलाज नालासोपारा और मुंबई के बाहरी क्षेत्रों में चल रहा है. वहीं, तीन घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है.
खतरनाक घोषित इमारत
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी (डीडीएमओ) ने जानकारी दी कि रमाबाई अपार्टमेंट लगभग दस साल पुराना था और इसे पहले ही खतरनाक घोषित किया गया था. वसई-विरार नगर निगम के प्रवक्ता ने साफ किया कि यह इमारत अवैध रूप से बनाई गई थी. इसके बावजूद इसमें लोग रह रहे थे, जिससे हादसे के समय बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हुए.
बचाव कार्य में मुश्किलें
मलबे को हटाने में अधिकारियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. यह इलाका घनी आबादी वाला है, जिसके कारण भारी मशीनरी को मौके पर लाने में काफी समय लगा. स्थानीय निवासियों ने भी बचाव दलों की मदद की. हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में शोक का माहौल है और कई परिवार बेघर हो गए हैं.
जांच के आदेश
प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि समय रहते अवैध इमारतों पर कार्रवाई की जाती तो इस तरह की त्रासदी को टाला जा सकता था.


