कुत्ता वफादार तभी होता है, जब वह... डॉग लवर्स पर भड़के फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा
फिल्ममेकर राम गोपाल वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने के आदेश का समर्थन किया. उन्होंने डॉग लवर्स पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब मासूम बच्चों पर कुत्तों के हमले होते हैं, तब ये लोग चुप क्यों रहते हैं? उन्होंने कहा कि इंसानों की जान की कीमत भी उतनी ही होनी चाहिए जितनी जानवरों की. उनके बयानों से सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है.

Ram Gopal Varma Dog Lovers : फिल्म निर्माता राम गोपाल वर्मा, जो अपने विवादित बयानों और बेबाक अंदाज के लिए मशहूर हैं, एक बार फिर चर्चा में हैं. इस बार उन्होंने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर दिए गए हालिया फैसले पर प्रतिक्रिया दी है. कोर्ट ने 11 अगस्त को आदेश दिया था कि सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों के भीतर सड़कों से हटाकर शेल्टर होम्स में भेजा जाए.
डॉग लवर्स पर सीधा सवाल
HEY DOG LOVERS
— Ram Gopal Varma (@RGVzoomin) August 16, 2025
All you Dog lovers are shouting hoarse about injustice to dogs regarding the Supreme Court’s order. But where were they when a four-year-old child was brutally killed in broad daylight on the streets ..Likewise thousands get attacked every year
Where was your…
इंसानों की तुलना कुत्तों से?
राम गोपाल वर्मा ने एक और ट्वीट में लिखा कि "कुत्ता वफादार इसलिए होता है क्योंकि वो बेवफाई करना जानता ही नहीं." उन्होंने कट्टर डॉग लवर्स से सवाल किया कि जब आप कहते हैं कि ‘कुत्ते इंसानों से बेहतर हैं’, तो असल में यह आपके आस-पास के इंसानों पर एक तीखा कमेंट है, न कि कुत्तों की अच्छाई पर.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को लेकर यह फैसला उस समय दिया जब इनसे जुड़ी घटनाएं लगातार बढ़ रही थीं. कोर्ट ने कहा कि इन्हें सड़कों से हटाकर शेल्टर होम्स में शिफ्ट किया जाए ताकि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके. इस फैसले से एक ओर जहां राहत महसूस की जा रही है, वहीं पशु प्रेमियों के बीच नाराजगी भी देखी जा रही है.
राम गोपाल वर्मा के बयान ने इस संवेदनशील मुद्दे पर बहस को और तेज कर दिया है. जहां कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कई लोग इसे असंवेदनशील बता रहे हैं. यह साफ है कि आवारा कुत्तों और आम लोगों की सुरक्षा दोनों ही मुद्दे अब राष्ट्रीय चर्चा में आ चुके हैं.


