लुधियाना पश्चिम सीट पर AAP की बढ़त बरकरार, कांग्रेस और BJP की क्या है स्थिति?
लुधियाना पश्चिमी उपचुनाव की मतगणना में आम आदमी पार्टी के संजीव अरोड़ा 10वें राउंड तक बढ़त बनाए हुए हैं, जबकि कांग्रेस और भाजपा के बीच दूसरे स्थान के लिए संघर्ष जारी है.

लुधियाना पश्चिमी विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए 19 जून को हुई वोटिंग के बाद आज मतगणना हो रही है. इस उपचुनाव के परिणामों के साथ इस हलके को नया विधायक मिलेगा. मतगणना के ताजा आंकड़ों ने आम आदमी पार्टी (आप) के लिए अच्छी खबर दी है, क्योंकि पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा 10वें राउंड तक लगातार पहले स्थान पर बने हुए हैं. वहीं, दूसरे स्थान के लिए कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर जारी है.
मतगणना सुबह आठ बजे से शुरू हुई और पहले राउंड में आप के संजीव अरोड़ा ने 2895 वोटों के साथ बढ़त बनाई. इसके बाद दूसरे राउंड में भी संजीव अरोड़ा ने 5854 वोटों के साथ अपनी स्थिति मजबूत की. तीसरे राउंड में बीजेपी ने कांग्रेस को पछाड़ते हुए दूसरा स्थान प्राप्त किया. ताजा आंकड़ों के अनुसार, संजीव अरोड़ा 10वें राउंड तक 24884 वोटों से आगे चल रहे हैं. कांग्रेस के भारत भूषण आशु दूसरे स्थान पर है, जबकि भाजपा के जीवन गुप्ता तीसरे स्थान पर खिसक गए हैं.
विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल
लुधियाना पश्चिमी उपचुनाव को पंजाब विधानसभा चुनावों का 'सेमीफाइनल' माना जा रहा है. इस उपचुनाव में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भाजपा और शिअद के उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इस चुनाव ने राज्य की राजनीतिक दिशा को प्रभावित करने की क्षमता रखी है, क्योंकि सभी दलों ने प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंकी थी.
आप की ओर से इस उपचुनाव में राज्यसभा सदस्य संजीव अरोड़ा को उम्मीदवार बनाया गया था. पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल, पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रचार की जिम्मेदारी खुद संभाली थी. वहीं, कांग्रेस की ओर से पंजाब प्रभारी भूपेश बघेल ने भी मोर्चे पर आकर पार्टी का प्रचार किया.
मतदान प्रतिशत और चुनावी इतिहास
लुधियाना पश्चिमी उपचुनाव में इस बार मतदान का प्रतिशत अपेक्षाकृत कम रहा. 19 जून को हुए मतदान में महज 51.33 प्रतिशत वोट पड़े, जो पिछले विधानसभा चुनावों के मुकाबले करीब 13 प्रतिशत कम है. यह उपचुनाव विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के बाद कराया गया है, जिन्होंने जनवरी में दुनिया को अलविदा कहा. इस चुनाव का परिणाम ना केवल लुधियाना पश्चिमी हलके के लिए, बल्कि पंजाब की राजनीति के लिए भी निर्णायक हो सकता है.


