मीट दुकानों की बंदी पर अजित पवार का कड़ा विरोध, कहा- अल्पसंख्यकों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे
महाराष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस पर मीट दुकानों की बंदी के आदेश का अजित पवार ने विरोध करते हुए कहा कि इसका कोई औचित्य नहीं है और अल्पसंख्यक समुदाय के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.

Maharashtra Meat Shops Ban: महाराष्ट्र में स्वतंत्रता दिवस पर कुछ नगर पालिकाओं द्वारा मीट की दुकानों और बूचड़खानों को बंद रखने के आदेश ने राजनीतिक हलचल मचा दी है. हालांकि, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार इस आदेश से सहमत नहीं हैं. उन्होंने स्पष्ट किया है कि ऐसे आदेशों का कोई औचित्य नहीं है और निजी व्यक्तियों को व्यापारियों पर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है.
अजित पवार का ये रुख महायुति में रहकर भी उनके 'सेकुलर' छवि को मजबूत करता दिख रहा है. कुछ दिन पहले ही उन्होंने कुरैशी समुदाय से मुलाकात कर गौरक्षकों द्वारा कथित उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद महाराष्ट्र पुलिस ने आदेश जारी किया कि अवैध पशु परिवहन के खिलाफ केवल पुलिस या अधिकृत अधिकारी ही कार्रवाई कर सकते हैं.
महायुति गठबंधन में मुस्लिम विधायकों की स्थिति
महायुति गठबंधन के तीन मुस्लिम विधायकों में से दो एनसीपी के हैं. अजित पवार के कई प्रमुख सहयोगी, जैसे सुनील तटकरे, ऐसे निर्वाचन क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं जहां मुस्लिम वोट महत्वपूर्ण हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अजित पवार का कड़ा रुख उनकी राजनीतिक रणनीति के अनुरूप है, ना कि किसी विचारधारा के कारण.
2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी-नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 सीटों में से 235 पर जीत दर्ज की थी. उस समय अजित पवार ने अल्पसंख्यक समुदाय की आशंकाओं को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास किया था, हालांकि महाविकास अघाड़ी का मुस्लिम नेतृत्व खुले तौर पर समर्थन कर रहा था.
अल्पसंख्यक समुदाय को भरोसा दिलाते अजित पवार
इस साल की शुरुआत में अजित पवार ने अल्पसंख्यक समुदाय को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि जब तक मैं सरकार में हूं, किसी के साथ अन्याय नहीं होगा. मैं अपनी बात का पक्का हूं. उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय विश्वास सभा को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग अपने निहित राजनीतिक स्वार्थों के लिए समुदाय के मन में भय पैदा करने की कोशिश करते हैं. मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं कि हम आपके साथ मिलकर सरकार चलाने का प्रयास कर रहे हैं. राज्य के हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करना हमारी सरकार की जिम्मेदारी है.
इस महीने की शुरुआत में अजित पवार ने कुरैशी समुदाय के प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा कि इस समुदाय के व्यापारियों और पशुओं का परिवहन करने वाले किसानों के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा.
मांस दुकानों की बंदी पर अजित पवार की आपत्ति
अजित पवार ने स्वतंत्रता दिवस पर नगर निगमों द्वारा मांस की दुकानों को बंद करने के आदेश का विरोध किया. उन्होंने कहा कि हालांकि धार्मिक अवसरों जैसे आषाढ़ी एकादशी या महावीर जयंती पर जनता की भावनाओं का सम्मान करना आवश्यक है, लेकिन महाराष्ट्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस जैसे अवसरों पर मांस पर प्रतिबंध का कोई औचित्य नहीं है.
हालांकि, अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ वर्ग अजित पवार के वादों के जमीनी असर को लेकर निराश हैं. पहले जब अधिकारी उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दे रहे थे, तब बॉम्बे सबअर्बन बीफ डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहम्मद अली कुरैशी ने कहा कि अजित पवार उन मंत्रालयों को नियंत्रित नहीं करते जो हमारे व्यापार को नियंत्रित करते हैं. हमें ये मानने के लिए ठोस नतीजों की जरूरत है कि सरकार गंभीर है.
बीजेपी का रुख और नगर निगमों की स्थिति
नगर निगमों ने स्वतंत्रता दिवस पर मांस दुकानों को बंद करने के आदेश वापस नहीं लिया है. बीजेपी ने इसे सही ठहराते हुए दावा किया कि इस तरह के निर्देश 1988 से जारी हैं. एनसीपी के विधायक संग्राम जगताप जैसे नेताओं की भड़काऊ टिप्पणियां पार्टी के लिए मुश्किलें पैदा कर रही हैं. अजित पवार ने कहा कि संग्राम कभी-कभी भाषणों के दौरान फिसल जाते हैं लेकिन अब ऐसा ना हो. हमें सबको साथ लेकर चलना होगा. एनसीपी के उपाध्यक्ष सलीम सारंग ने स्वीकार किया कि इस तरह के बयानों से पार्टी को नुकसान हो रहा है. उन्होंने नेताओं से आग्रह किया कि तुरंत ऐसी टिप्पणियां करना बंद करें, वरना मुस्लिम समर्थकों का पार्टी पर विश्वास उठ सकता है.


