नागरिकता विवाद: असम के सीएम ने सांसद के बच्चों पर उठाए सवाल
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के बच्चों की नागरिकता पर किए गए सनसनीखेज दावे ने राज्य में तीव्र राजनीतिक बहस छेड़ दी है, जिसे विपक्ष ने आधारहीन और दुर्भावनापूर्ण आरोप करार दिया है.

असम में राजनीतिक माहौल उस समय गर्मा गया जब मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के नाबालिग बच्चों की नागरिकता को लेकर गंभीर आरोप लगाए. सरमा ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि असम के एक सांसद के नाबालिग बच्चे अब भारत के नागरिक नहीं हैं. हालांकि उन्होंने सीधे गोगोई का नाम नहीं लिया. बावजूद इसके, यह बयान कांग्रेस नेता पर एक सीधा हमला माना जा रहा है, जो अक्सर भाजपा सरकार की आलोचना करते हैं.
बच्चों की नागरिकता पर सवाल
इससे पहले भी मुख्यमंत्री सरमा ने गोगोई की कथित पाकिस्तान और नेपाल यात्राओं को लेकर तीखे आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा कि उनके पास इन यात्राओं के सबूत हैं और वह सितंबर से पहले इनका खुलासा करेंगे. अब ताज़ा बयान में उन्होंने गोगोई के दो बच्चों की नागरिकता पर सवाल उठाए हैं और दावा किया है कि दोनों अब भारतीय नागरिक नहीं हैं, जबकि उनमें से एक का जन्म भारत में हुआ है.
सरमा ने एक चुनावी सभा के दौरान चुनौती देते हुए कहा कि अगर गोगोई यह साबित कर दें कि उनके बच्चे भारतीय नागरिक हैं, तो वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. उन्होंने यह भी दावा किया कि गोगोई की पत्नी भारतीय नागरिक नहीं हैं, जिससे परिवार की पूरी नागरिकता पर सवाल उठ गया है.
I say this with full responsibility — the minor children of one Member of Parliament from Assam are no longer citizens of India. But this is just the beginning. There is much more yet to be revealed.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 1, 2025
पाकिस्तान यात्रा को लेकर भी गंभीर आरोप
इसके साथ ही, सरमा ने गोगोई की पाकिस्तान यात्रा को लेकर भी गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि इस यात्रा की जानकारी केंद्र सरकार से छुपाई गई थी, जो राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से चिंता का विषय है. सरमा का कहना है कि चल रही जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.
इन आरोपों ने असम में कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक टकराव को और बढ़ा दिया है. कांग्रेस ने इन बयानों को निराधार और बदनाम करने की साजिश बताया है. जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, यह विवाद राज्य की राजनीति को गहराई से प्रभावित कर सकता है.


