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36 महीने का वेतन रुकने से शिक्षक ने ली जान, CM मान ने 93 शिक्षकों को न्याय का भरोसा दिया

पंजांब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सरकारी कॉलेजों में कार्यरत 93 शिक्षकों को पिछले 36 महीनों से रोककर रखे गए वेतन का भुगतान करने का बड़ा फैसला लिया है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

पंजाब में लंबे समय से वेतन समस्या झेल रहे शिक्षकों के लिए आखिरकार राहत की खबर आई है. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सरकारी कॉलेजों में कार्यरत 93 शिक्षकों को पिछले 36 महीनों से रोककर रखे गए वेतन का भुगतान करने का बड़ा फैसला लिया है. इसमें बाबा हीरा सिंह भट्टल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी समेत कई अन्य शिक्षण संस्थान शामिल हैं. 

वेतन न मिलने से शिक्षक ने की थी आत्महत्या

यह कदम उस समय और अधिक गंभीर महत्व रखता है, जब वेतन न मिलने से परेशान एक शिक्षक ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा लिया था. मुख्यमंत्री ने इस घटना के बाद सभी प्रभावित शिक्षकों और मृतक शिक्षक के परिवार से विशेष बैठक में बातचीत की. बैठक में मौजूद दो छोटे बच्चे भावुक कर देने वाले क्षण थे, जिन्होंने अपने पिता को आर्थिक परेशानी और बढ़ते कर्ज़ की वजह से खो दिया. 

मुख्यमंत्री ने परिवार को सांत्वना देते हुए भरोसा दिया कि सरकार उनका पूरा सहयोग करेगी और ऐसी स्थिति दोबारा पैदा नहीं होने दी जाएगी. जानकारी के अनुसार, पिछली सरकार के दौरान इन 93 शिक्षकों का वेतन तीन साल तक अटका रहा, जिससे कई परिवार आर्थिक संकट में डूब गए थे. कई शिक्षकों को बच्चों की फीस, इलाज और रोजमर्रा के खर्च पूरे करने के लिए कर्ज़ लेना पड़ा. लगातार अनिश्चितता और मानसिक दबाव के कारण उनमें तनाव और अवसाद बढ़ता गया. शिक्षक संगठनों ने बार-बार आवाज उठाई, लेकिन तब कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले में त्वरित हस्तक्षेप करते हुए कहा कि शिक्षक समाज की नींव होते हैं और उनकी उपेक्षा किसी भी सरकार के लिए शर्म की बात है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आम आदमी पार्टी की सरकार का उद्देश्य सिर्फ घोषणाएं करना नहीं, बल्कि उस समस्या को जड़ से खत्म करना है जिसने सैकड़ों परिवारों को प्रभावित किया. सरकार ने वित्त विभाग को आदेश देकर बकाया राशि जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने क्या कहा?

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रोक कर रखी गई राशि करोड़ों में है, जिसे चरणबद्ध तरीके से जारी किया जाएगा. पहले चरण में उस शिक्षक के परिवार को राशि दी जाएगी जिसकी मौत ने इस मुद्दे को राज्य भर में चर्चा का विषय बना दिया था. फैसले के बाद बैठक में मौजूद शिक्षक कृतज्ञ नजर आए. कई शिक्षकों ने कहा कि उन्हें वर्षों बाद ऐसा महसूस हुआ है कि सरकार वाकई उनकी समस्याओं पर ध्यान दे रही है. शिक्षक संगठनों ने इसे पंजाब सरकार की संवेदनशीलता और प्रशासनिक जिम्मेदारी का उदाहरण बताया है.

विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाएगा, क्योंकि आर्थिक सुरक्षा मिलने पर शिक्षक अपने कार्य में अधिक समर्पित हो पाते हैं. इस पहल ने न केवल 93 शिक्षकों को राहत दी है, बल्कि पूरे राज्य में शिक्षक समुदाय के बीच भरोसा भी बढ़ाया है. यह कदम पंजाब में शिक्षा क्षेत्र को एक नई दिशा देने वाला माना जा रहा है.

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04 December 2025, 06:35 PM IST

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