''वादे थे 2100 के, अब मिल रहे बस 500' — 'लाडकी बहन योजना' पर फडणवीस सरकार सवालों के घेरे में
चुनाव से पहले महिलाओं से हर महीने ₹2100 देने का वादा लेकिन अब मिल रहे हैं सिर्फ ₹500! संजय राउत और आदित्य ठाकरे ने सरकार को आड़े हाथों लिया — बोले, ये तो वादाखिलाफी है. अजित पवार भी सवालों के घेरे में हैं. जानिए पूरी खबर में कि आखिर क्या है ‘लाडकी बहिन योजना’ का सच्चा हाल?

Maharastra: महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ अब शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने मोर्चा खोल दिया है. उनका आरोप है कि राज्य सरकार ने चुनावी वादे के नाम पर महिलाओं के लिए जो 'लड़की बहिन योजना' शुरू की थी, उसमें धोखा दिया है. संजय राउत ने कहा कि चुनाव के दौरान सरकार ने वादा किया था कि हर महिला को हर महीने 2,100 रुपये मिलेंगे, लेकिन अब उन्हें सिर्फ 500 रुपये ही दिए जा रहे हैं.
संजय राउत ने किया सरकार पर हमला
मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान संजय राउत ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा, "जब चुनाव आ रहे थे, तो सीएम फडणवीस ने कहा था कि हर महिला को 1500 रुपये मिलेंगे. फिर चुनाव के दौरान उन्होंने इसे बढ़ाकर 2100 रुपये कर दिया, लेकिन अब स्थिति ये है कि महिलाओं को सिर्फ 500 रुपये मिल रहे हैं." राउत ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने चुनावी वादों के नाम पर जनता को धोखा दिया और महिलाओं के आर्थिक हितों से खिलवाड़ किया.
अजित पवार पर भी निशाना
संजय राउत ने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, "अजित पवार इस वादे से साफ मुकर गए हैं. वे कहते हैं कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं कहा, लेकिन उनकी सरकार ने तो यह वादा किया था." राउत का कहना था कि यह योजना महिलाओं के आर्थिक सुरक्षा के लिए थी, लेकिन अब उसे सिर्फ एक राजनीतिक खेल बना दिया गया है.
आदित्य ठाकरे की भी प्रतिक्रिया
संजय राउत अकेले नहीं हैं, जिन्होंने इस योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है. शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने भी इस मामले पर सरकार को घेरते हुए कहा था कि यह एक "बेशर्म नीति" है. उन्होंने कहा कि सरकार चुनावी वादों को लेकर उलझन में है और इस योजना का लाभ अब सिर्फ कुछ महिलाओं तक ही सीमित रह गया है.
'लड़की बहिन योजना' का उद्देश्य और आलोचना
'लड़की बहिन योजना' महाराष्ट्र सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना थी, जिसका उद्देश्य राज्य की महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना था. इस योजना के तहत सरकार ने महिलाओं को हर महीने 2100 रुपये देने का वादा किया था, लेकिन अब जब योजना लागू हुई तो यह वादा पूरी तरह से टूटता नजर आ रहा है. सरकार का दावा है कि उन्होंने इस योजना के लिए 36,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया था, लेकिन विपक्ष और कई महिला संगठन इसे चुनावी वादे का हिस्सा मानते हुए सरकार की आलोचना कर रहे हैं.
महाराष्ट्र सरकार की ओर से क्या कहा गया?
महाराष्ट्र सरकार ने इस पूरे मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार का कहना था कि योजना को समय-समय पर संशोधित किया जाएगा और महिलाओं को हर संभव सहायता दी जाएगी.


