बिहार विधानसभा चुनावः मोकामा में सियासी भूचाल...अनंत सिंह की गिरफ्तारी से बिहार चुनाव में नया मोड़

बिहार चुनाव से पहले मोकामा में जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने एनडीए की रणनीति को झटका दिया है. दुलारचंद यादव हत्या मामले से राजनीतिक माहौल गरमाया है. यादव समुदाय में नाराज़गी और भूमिहारों में सहानुभूति दिख रही है. चुनाव आयोग ने कार्रवाई की, जिससे सियासी संतुलन प्रभावित हुआ.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

मोकामा (बिहार): बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले मोकामा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. बाहुबली छवि वाले जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने न केवल एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की चुनावी रणनीति को झटका दिया है, बल्कि पूरे पटना जिले की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है.

चुनावी माहौल में बढ़ी हलचल

दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में अनंत सिंह की गिरफ्तारी उस समय हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो और एनडीए का प्रचार अभियान अपने चरम पर था. इस घटनाक्रम ने एनडीए के लिए राजनीतिक संकट की स्थिति बना दी है. एनडीए अब तक आरजेडी पर ‘जंगलराज’ का आरोप लगाकर चुनावी बढ़त बनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन अब उसी पर कानून और व्यवस्था के सवाल उठने लगे हैं.

राजनीतिक संतुलन पर असर

अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने एनडीए की नैतिक और राजनीतिक स्थिति को कमजोर कर दिया है. विपक्ष अब इस मुद्दे को भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. खासतौर पर यादव बहुल इलाकों में यह गिरफ्तारी जातीय समीकरणों को बदल सकती है. यादव समुदाय पहले से ही दुलारचंद यादव की हत्या से नाराज़ है, और अब यह नाराज़गी एनडीए के खिलाफ वोट में तब्दील हो सकती है.

भूमिहार समुदाय में सहानुभूति की लहर

दूसरी ओर, भूमिहार समुदाय में अनंत सिंह के प्रति सहानुभूति बढ़ती दिखाई दे रही है. माना जा रहा है कि यह भावना न केवल अनंत सिंह बल्कि अन्य भूमिहार प्रत्याशियों के लिए भी फायदेमंद साबित हो सकती है. वहीं, एनडीए के भीतर इस मुद्दे पर रणनीतिक असमंजस की स्थिति बन गई है.

आरजेडी के लिए नया मौका

आरजेडी और महागठबंधन के लिए यह एक सुनहरा अवसर बनकर उभरा है. पार्टी अब यादव और अल्पसंख्यक मतदाताओं को अपने पक्ष में पूरी तरह से जोड़ने की कोशिश करेगी. हालांकि, यादव बहुल इलाकों में जहां राजद ने भूमिहार प्रत्याशी उतारे हैं, वहां समीकरण कुछ उलझे हुए हैं. फिर भी, मोकामा की यह घटना बिहार चुनाव की दिशा और परिणाम को काफी हद तक प्रभावित कर सकती है.

चुनाव आयोग की सख्ती

दुलारचंद यादव की हत्या के मामले में चुनाव आयोग ने भी तत्काल कार्रवाई की है. आयोग ने मोकामा विधानसभा क्षेत्र के बाढ़ अनुमंडल से जुड़े चार अधिकारियों को हटा दिया है. इनमें बाढ़ के एसडीओ चंदन कुमार, एसडीपीओ बाढ़-1 राकेश कुमार, एसडीपीओ बाढ़-2 अभिषेक सिंह और पटना ग्रामीण एसपी विक्रम सिहाग शामिल हैं.

आयोग ने अभिषेक सिंह को तत्काल निलंबित करने और अन्य अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. साथ ही, नए अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी गई है. आशीष कुमार को बाढ़ का नया एसडीओ, आनंद कुमार सिंह को बाढ़-1 का एसडीपीओ और आयुष श्रीवास्तव को बाढ़-2 का एसडीपीओ बनाया गया है.

राजनीतिक असर स्पष्ट

कुल मिलाकर अनंत सिंह की गिरफ्तारी ने मोकामा को बिहार चुनाव की सबसे हॉट सीट बना दिया है. यह मामला केवल एक उम्मीदवार तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे एनडीए की विश्वसनीयता और जातीय संतुलन पर असर डाल सकता है. आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस गिरफ्तारी का असर किसके पक्ष में जाता है. एनडीए या महागठबंधन.

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02 November 2025, 12:34 PM IST

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