सूरजभान या अनंत सिंह... मोकामा विधानसभा में बाहुबलियों की जंग से बढ़ा सियासी तापमान, जानिए कौन हैं ज्यादा पावरफूल ?
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मोकामा सीट पर बाहुबलियों की जंग छिड़ी हुई है. एनडीए समर्थित अनंत सिंह और महागठबंधन के सूरजभान सिंह आमने-सामने हैं.

मोकामा : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दौरान मोकामा सीट एक बार फिर सुर्खियों में है. हाल ही में यहां हुई राजनीतिक हत्या के बाद यह इलाका राज्य की सबसे चर्चित सीट बन चुका है. इस बार मोकामा में दो बड़े बाहुबली नेता आमने-सामने हैं एक ओर हैं अनंत सिंह, जिन्हें राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का समर्थन प्राप्त है, वहीं दूसरी ओर हैं सूरजभान सिंह, जिन्हें महागठबंधन का समर्थन मिला है.
मोकामा का राजनीतिक और जातीय समीकरण
अनंत सिंह का मोकामा में तीन दशकों से दबदबा
अनंत सिंह का मोकामा की राजनीति पर लगभग तीन दशक से दबदबा बना हुआ है. 2005 में वे पहली बार जेडीयू के टिकट पर यहां से विधायक बने और तब से अब तक विभिन्न दलों के प्रतीक पर चुनाव जीतते रहे हैं. वे खुद को “पार्टी से ऊपर नेता” मानते हैं और उनका कहना है कि उन्हें मोकामा में जीतने के लिए किसी राजनीतिक दल की जरूरत नहीं. अनंत सिंह के पास करीब 37 करोड़ रुपये की संपत्ति है और उन पर 28 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, रंगदारी और अवैध हथियार आपूर्ति जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. फिर भी वे अपने क्षेत्र में विकास कार्यों और जनसंपर्क के लिए लोकप्रिय बने हुए हैं.
सूरजभान सिंह का अपराध से राजनीति तक का सफर
सूरजभान सिंह भी बिहार के चर्चित बाहुबलियों में से एक हैं. वे विधायक और सांसद रह चुके हैं, जबकि उनकी पत्नी वीणा देवी 2014 में मुंगेर से लोकसभा सांसद चुनी गई थीं. सूरजभान की राजनीतिक जड़ें बेगूसराय, नवादा और मुंगेर तक फैली हैं, लेकिन मोकामा में उनका प्रभाव अनंत सिंह जितना गहरा नहीं माना जाता.
सूरजभान सिंह के पास 11 करोड़ की संपत्ति
सूरजभान के पास करीब 11 करोड़ रुपये की संपत्ति है और उनके साथ कई स्थानीय गैंगों का समर्थन भी बताया जा रहा है. हालांकि, भूमिहार वोट बैंक में अगर एकता बनी रही तो अनंत सिंह की स्थिति मजबूत बनी रह सकती है. मोकामा की यह टक्कर सिर्फ दो उम्मीदवारों के बीच नहीं, बल्कि बाहुबल, धनबल और जनाधार की ताकत की परीक्षा भी बन गई है.


