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दो वोटर आईडी के आरोप में फंसे बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा, तेजस्वी और कांग्रेस ने लगाए मिलीभगत के आरोप

बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर दो अलग-अलग जगहों से वोटर आईडी होने का आरोप लगा है, जिसे लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर मिलीभगत का आरोप लगाया है. तेजस्वी यादव ने इसे चुनावी धोखाधड़ी करार देते हुए जांच की मांग की है.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

Bihar Deputy CM Vijay Sinha: बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर चुनाव आयोग के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान दो मतदाता पहचान पत्र (EPIC) होने को लेकर विवाद उभर गया है. कांग्रेस पार्टी की बिहार इकाई ने आरोप लगाया है कि सिन्हा के नाम पर दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में EPIC नंबर दर्ज हैं, जो चुनावी नियमों के खिलाफ है.

भाजपा और चुनाव आयोग पर मिलीभगत के गंभीर आरोप

मालूम हुआ कि विजय सिन्हा के एक मतदाता पहचान पत्र लखीसराय जिले में पंजीकृत है, जबकि दूसरा पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र का है. कांग्रेस ने दावा किया है कि सिन्हा ने दोनों जगहों से एसआईआर फॉर्म भी भरे हैं. इसके चलते बिहार कांग्रेस ने भाजपा और चुनाव आयोग पर मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए हैं.

कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए सवाल उठाए कि कैसे उपमुख्यमंत्री के पास दो अलग-अलग स्थानों से मतदाता पहचान पत्र हो सकते हैं और उनके दोनों नाम ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल हैं. इसके साथ ही, कांग्रेस ने इस मामले में राहुल गांधी के चुनाव आयोग और भाजपा पर पूर्व में किए गए आरोपों को दोहराया.

जानकारी के मुताबिक, लखीसराय के मतदाता पहचान पत्र में विजय सिन्हा की उम्र 57 वर्ष और पिता का नाम स्वर्गीय शारदा रमण सिंह दर्ज है. वहीं, पटना के बांकीपुर का EPIC कार्ड भी उनके नाम पर है, जिसमें पिता का नाम समान है, लेकिन उम्र 60 वर्ष बताई गई है.

तेजस्वी यादव की कड़ी प्रतिक्रिया

इस मुद्दे पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग की आलोचना करते हुए इसे धोखाधड़ी बताया और पूछा कि क्या उपमुख्यमंत्री को इस मामले में नोटिस जारी किया जाएगा. तेजस्वी यादव ने कहा कि यह मामला चुनाव आयोग की वेबसाइट पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है.

उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया अवैध है और इस पर अदालत में भी कार्रवाई की जाएगी. यादव ने स्पष्ट किया कि या तो चुनाव आयोग की पूरी एसआईआर प्रक्रिया भ्रष्ट है या फिर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा इस धोखाधड़ी में शामिल हैं.

इस विवाद ने बिहार की राजनीतिक सत्ता में नई हलचल पैदा कर दी है, जहां विरोधी दल इसे गंभीर चुनावी अनियमितता के रूप में देख रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि ऐसे मामलों को लेकर चुनाव आयोग क्या कार्रवाई करेगा.

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10 August 2025, 12:10 PM IST

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