बिहार चुनाव 2025: तेज प्रताप का महुआ मिशन, जानें क्या रंग लाएगा?
तेज प्रताप यादव का महुआ प्रेम एक बार फिर सुर्खियों में है. जैसे ही उन्होंने सियासत में कदम रखा, अपनी डेब्यू सीट महुआ की ओर रुख किया. चर्चा है कि वह महुआ से निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन आखिर महुआ सीट का गणित क्या है?

Bihar Election 2025: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक बार फिर राजनीतिक मंच पर सक्रिय नजर आ रहे हैं. अनुष्का यादव के साथ अपने रिश्ते को सार्वजनिक करने के बाद मचे राजनीतिक तूफान में जब लालू ने उन्हें परिवार और पार्टी दोनों से बाहर का रास्ता दिखा दिया, तब कयास लगाए जाने लगे थे कि तेज प्रताप का सियासी भविष्य अब धुंधला हो गया है. लेकिन अब उन्होंने साफ कर दिया है कि वह मैदान में उतरेंगे . 'टीम तेज प्रताप' के बैनर तले. सीट और पार्टी का एलान भले न हुआ हो, लेकिन महुआ विधानसभा सीट से उनके उतरने की चर्चाएं जोरों पर हैं.
तेज प्रताप की हालिया राजनीतिक गतिविधियों और उनके दौरों से साफ है कि वे एक बार फिर अपनी सियासी जमीन तलाश रहे हैं. उन्होंने सावन की पहली सोमवारी को अपने मौजूदा क्षेत्र हसनपुर का दौरा किया और जनता की समस्याएं सुनीं. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि वे अगला चुनाव कहां से लड़ेंगे हसनपुर या महुआ तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा, 'जनता जहां बुलाएगी, वहीं जाऊंगा.'
क्यों तेज हो रही है महुआ से चुनाव लड़ने की चर्चा?
महुआ सीट का नाम केवल अभी नहीं, बल्कि 2020 से पहले से ही तेज प्रताप के साथ जोड़ा जा रहा है. हालांकि 2020 में उन्हें पार्टी ने हसनपुर से मैदान में उतारा था. तेज प्रताप का महुआ से भावनात्मक जुड़ाव भी है, क्योंकि उनका राजनीतिक सफर 2015 में यहीं से शुरू हुआ था. पिछले दिनों जब वे महुआ पहुंचे तो उन्होंने अपने पुराने वादों की याद दिलाई.
तेज प्रताप ने कहा, 'हम जो वादे करते हैं, उन्हें निभाते हैं. मेडिकल कॉलेज का वादा किया था, जो अब पूरा हो गया है. अब यहां एक इंजीनियरिंग कॉलेज भी देना है.' इससे पहले भी दिसंबर में उन्होंने महुआ से चुनाव लड़ने की बात कही थी, जिस पर मौजूदा विधायक मुकेश रौशन से उनकी कहासुनी भी हो गई थी. अब जब तेज प्रताप आरजेडी से अलग हो चुके हैं, तो महुआ सीट पर उनके फिर से नजर गड़ाने को संभावित दावेदारी के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है.
महुआ सीट का सामाजिक समीकरण तेज प्रताप के पक्ष में?
वैशाली जिले की महुआ विधानसभा सीट पर यादव और मुस्लिम समुदाय की कुल आबादी लगभग 35% है, जो पारंपरिक रूप से आरजेडी का वोट बैंक माना जाता है. इसके अलावा अनुसूचित जातियों की आबादी करीब 21% है, जिसमें पासवान और रविदास समुदाय का प्रभुत्व है. यदि तेज प्रताप निर्दलीय या किसी अन्य पार्टी से मैदान में उतरते हैं, तो यह सीधा असर आरजेडी के कोर वोटबैंक पर पड़ सकता है, जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है.
'RJD'तेज प्रताप का नया सियासी अध्याय
RJD से बाहर हो चुके तेज प्रताप अब 'बेपार्टी' नेता के रूप में उभर रहे हैं. उन्होंने 'टीम तेज प्रताप' नामक नया संगठन बनाया है, जो साफ तौर पर संकेत देता है कि वे अपनी सियासी राह खुद तय करने की ओर बढ़ रहे हैं. हालांकि अभी उनके चुनाव चिन्ह और पार्टी की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन उनका आत्मविश्वास और मैदान में उतरने की तैयारी यह जाहिर कर रही है कि वे अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर गंभीर हैं.


