बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद BMC ने बंद किए 51 कबूतरखाने, जानें कितनों से दादर में वसूला गया जुर्माना
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर BMC ने दादर कबूतरखाना में कबूतरों को दाना डालने पर प्रतिबंध लगा दिया है. स्वास्थ्य जोखिमों के चलते अब तक 100 से अधिक लोगों पर जुर्माना लगाया गया और करीब 2,000 कबूतरों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया.

बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश और महाराष्ट्र सरकार के निर्देशों के तहत, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने दादर स्थित प्रसिद्ध कबूतरखाना में कबूतरों को दाना डालने पर सख्ती से रोक लगा दी है. बीएमसी के सहायक आयुक्त जयदीप मोरे ने मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई अदालत और सरकार के निर्देशों के पालन में की गई है.
30 जुलाई को हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिया?
2 अगस्त को बीएमसी ने इस इलाके को सील कर दिया, यह तर्क देते हुए कि कबूतरों की बीट से गंभीर श्वसन रोग फैल सकते हैं. 30 जुलाई को हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि यदि कोई नियम तोड़ता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाए और बीएमसी अधिनियम की धारा 271 के तहत एफआईआर दर्ज हो.
500-500 रुपये का जुर्माना
अब तक 100 से अधिक लोगों पर कबूतरों को दाना डालने के चलते 500-500 रुपये का जुर्माना लगाया जा चुका है. चिकित्सा विशेषज्ञों ने इस निर्णय का समर्थन करते हुए बताया कि सूखी कबूतर बीट से हिस्टोप्लाज़मोसिस, सिटाकोसिस और एलर्जिक एल्वोलाइटिस जैसी बीमारियाँ फैल सकती हैं. बीएमसी ने कबूतरों के लिए लाई गई 25 से अधिक दाने की बोरियां ज़ब्त कर ली हैं. अस्थायी बाड़ को भी हटा दिया गया है. लगभग 2,000 कबूतरों को स्वयंसेवकों और पशु प्रेमियों की मदद से सुरक्षित आश्रय स्थलों तक पहुंचाया गया.
इस कार्रवाई के विरोध में कई जैन समुदाय के लोग, जिनके लिए यह धार्मिक परंपरा है, कोलाबा से गेटवे ऑफ इंडिया तक शांतिपूर्वक मार्च निकालते हुए 'कबूतरों को बचाओ' के नारे लगाए. दादर कबूतरखाना, मुंबई के उन 51 स्थलों में शामिल है, जहां ऐसी परंपरा थी और अब इन पर बंदी की प्रक्रिया चल रही है.


