सीएम फडणवीस की विधानसभा सीट पर घमासान, बॉम्बे हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और दो अन्य भाजपा विधायकों को 2019 के विधानसभा चुनाव परिणामों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया है.

बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने गुरुवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को समन जारी किया है. यह समन नागपुर दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट से उनकी जीत को चुनौती देने वाली याचिका पर भेजा गया है. यह याचिका कांग्रेस के प्रत्याशी प्रफुल्ल गुडधे ने दायर की है, जो 2024 के चुनाव में फडणवीस से हार गए थे. गुडधे ने कोर्ट से आग्रह किया है कि फडणवीस की जीत को अमान्य घोषित किया जाए.
आवश्यक कानूनी प्रावधानों का पालन
गुडधे की याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनाव के दौरान कई आवश्यक कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया गया. उन्होंने दावा किया है कि चुनाव की प्रक्रिया में अनियमितताएं थीं, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुए। इस मामले में गुडधे के वकीलों दहत और एबी मून ने कोर्ट में दलील दी कि नवंबर 2023 में हुए चुनाव में कई नियमों की अनदेखी की गई. इसके साथ ही अदालत ने दो अन्य भाजपा विधायकों मोहन मते और कीर्तिकुमार भांगडिया को भी इसी तरह की चुनावी याचिकाओं के सिलसिले में नोटिस भेजा है. इन सभी से कोर्ट ने आठ मई तक जवाब दाखिल करने को कहा है.
Maharashtra | The Nagpur bench of the Bombay High Court has summoned Maharashtra Chief Minister Devendra Fadnavis in response to a petition challenging his 2024 victory from the Nagpur South-West Assembly constituency.
— ANI (@ANI) April 17, 2025
Congress candidate Prafulla Gudadhe, who was defeated in the…
288 में से 230 सीटों पर जीत दर्ज
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में हुए 2024 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों ने महायुति गठबंधन के तहत शानदार प्रदर्शन किया था. गठबंधन ने कुल 288 में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की, जिससे उन्हें स्पष्ट बहुमत मिला. इसी के बाद देवेंद्र फडणवीस को राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर फिर से शपथ दिलाई गई थी.
अब अदालत द्वारा भेजे गए समन के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है. यदि अदालत याचिकाकर्ता की दलीलों को उचित पाती है, तो यह मामला फडणवीस की वैधता पर बड़ा सवाल खड़ा कर सकता है. हालांकि, अभी इस पर अंतिम निर्णय कोर्ट की सुनवाई के बाद ही सामने आएगा.


