झारखंड में हथिनी ने पटरी पर दिया बच्चे को जन्म, 2 घंटे तक रुकी रही ट्रेन, मंत्री ने शेयर किया वीडियो
झारखंड में एक जंगली हथिनी ने रेलवे ट्रैक पर एक बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान एक ट्रेन को लगभग दो घंटे तक रुकना पड़ा.

झारखंड में एक अनोखी और मार्मिक घटना सामने आई, जब एक जंगली हथिनी ने रेलवे ट्रैक पर एक बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान एक ट्रेन को लगभग दो घंटे तक रुकना पड़ा, ताकि मां और नवजात सुरक्षित रहें. यह भावुक कर देने वाला दृश्य कैमरे में कैद हो गया, जिसमें हथिनी अपने बच्चे के साथ ट्रैक से हटती हुई दिखाई देती है.
मंत्री ने शेयर किया वीडियो
इस घटना ने सोशल मीडिया पर खूब ध्यान खींचा. केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने इसे करुणा और मानवता का प्रतीक बताया. उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर इसका वीडियो साझा करते हुए लिखा कि मानव-पशु संघर्ष की खबरों के बीच, यह घटना आपसी सह-अस्तित्व की मिसाल है. मंत्री ने वीडियो के साथ दो भावुक क्षणों को दर्शाने वाले क्लिप भी पोस्ट किए.
भूपेंद्र यादव ने झारखंड के वन विभाग की सराहना करते हुए लिखा कि वन अधिकारियों की सजगता और संवेदनशीलता के चलते हथिनी सुरक्षित तरीके से बच्चे को जन्म दे सकी. उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से यह विश्वास और मजबूत होता है कि प्रकृति और मनुष्य एक साथ शांतिपूर्वक रह सकते हैं.
3,500 किलोमीटर रेलवे पटरियों का सर्वेक्षण
मंत्री ने यह भी जानकारी दी कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने रेल मंत्रालय के साथ मिलकर देशभर में 3,500 किलोमीटर रेलवे पटरियों का सर्वेक्षण किया है. इस सर्वे में 110 से अधिक ऐसे वन्य क्षेत्र चिन्हित किए गए हैं जो वन्यजीवों की आवाजाही के लिए महत्वपूर्ण हैं.
Beyond the news of human-animal conflicts, happy to share this example of human-animal harmonious existence.
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) July 9, 2025
A train in Jharkhand waited for two hours as an elephant delivered her calf. The 📹 shows how the two later walked on happily.
Following a whole-of government approach,… pic.twitter.com/BloyChwHq0
इस पहल का मुख्य उद्देश्य रेल दुर्घटनाओं को रोकना है. खासकर ऐसे क्षेत्रों में जहां रेलवे लाइनें वन्यजीव गलियारों से होकर गुजरती हैं. यह प्रयास मानव और प्रकृति के बीच संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.


