तमिलनाडु के विरुधुनगर में पटाखा फैक्ट्री में जोरदार विस्फोट, कई लोग घायल
तमिलनाडु के विरुधुनगर में एक हफ्ते में दूसरी बार पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ, जिससे कई लोग घायल हो गए. 2025 में अब तक 26 लोगों की मौत के साथ यह क्षेत्र आतिशबाजी उद्योग की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है.

तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले में आज सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में हुए जोरदार विस्फोट ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी. फैक्ट्री से उठते घने धुएं के गुबार ने आस-पास के गांवों में अफरा-तफरी मचा दी. इस हादसे में कई लोग घायल हुए हैं, हालांकि अभी तक घायलों और हताहतों की सटीक संख्या की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
घटना का एक वीडियो सामने आया है जिसमें काले धुएं के घने बादल आसमान की ओर उठते दिखाई दे रहे हैं. हादसा सुबह के समय हुआ और राहत-बचाव दल मौके पर पहुंचकर राहत कार्यों में जुटा हुआ है. ये दुर्घटना उसी जिले में हुई है जहां एक हफ्ते पहले ही बड़ा धमाका हुआ था, जिसमें 8 लोगों की जान चली गई थी.
चिन्नाकामनपट्टी में हुआ था बड़ा धमाका
1 जुलाई 2025 को तमिलनाडु के विरुधुनगर जिले के सत्तूर के पास चिन्नाकामनपट्टी गांव में स्थित एक आतिशबाजी निर्माण इकाई गोकुलेश फायरवर्क्स में भीषण धमाका हुआ था. इस हादसे में 8 मजदूरों की मौत हो गई थी और 5 अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे. ये विस्फोट उस समय हुआ जब कर्मचारी एरियल फायरवर्क्स बनाने के लिए रसायनों को भरने की प्रक्रिया में लगे थे. प्रारंभिक जांच में सामने आया कि विस्फोट की वजह रासायनिक मिश्रण के दौरान हुई घर्षण (फ्रिक्शन) थी. हादसे के वक्त फैक्ट्री परिसर में करीब 50 कर्मचारी मौजूद थे और सात कार्यशालाएं (शेड) पूरी तरह तबाह हो गई थीं.
मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने जताया दुख
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने चिन्नाकामनपट्टी विस्फोट में मारे गए मजदूरों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया और पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की. मुख्यमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजनों को ₹4 लाख, गंभीर रूप से घायल लोगों को ₹1 लाख और मामूली रूप से घायल व्यक्तियों को ₹50,000 की सहायता राशि दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हम इस तरह की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.
2025 में अब तक 26 मौतें
विरुधुनगर जिले में पटाखा फैक्ट्रियों में होने वाले हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा. साल 2025 के पहले 6 महीनों में ही 8 आतिशबाजी दुर्घटनाओं में 26 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 20 से ज्यादा घायल हुए हैं. साल 2024 में ऐसे 17 हादसे दर्ज किए गए थे, जिनमें 52 लोगों की जान गई थी – जिनमें से 42 मौतें अकेले विरुधुनगर जिले में हुई थीं. ये जिला देश की आतिशबाजी राजधानी माना जाता है, जहां करीब 1,000 फायरवर्क्स यूनिट्स और 3,000 से ज्यादा पटाखा दुकानें मौजूद हैं. लगातार हो रहे हादसे इस पूरे उद्योग की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रहे हैं.