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दिल्ली से दूर होगा कर्नाटक का संकट! आज कांग्रेस हाईकमान से मिलेंगे डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया

कर्नाटक कांग्रेस में नेतृत्व को लेकर बढ़ते असमंजस के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार 14 दिसंबर को दिल्ली में शीर्ष नेताओं से मिलेंगे. यह बैठक संभावित सत्ता संतुलन और भविष्य की रणनीति तय करने में अहम मानी जा रही है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

बेंगलुरुः कर्नाटक कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति एक बार फिर सुर्खियों में है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार 14 दिसंबर को दिल्ली में कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करने वाले हैं. माना जा रहा है कि इस बैठक में सोनिया गांधी भी शामिल हो सकती हैं. यह बातचीत ऐसे समय में हो रही है, जब राज्य में नेतृत्व को लेकर असमंजस और अटकलों का दौर लगातार तेज होता जा रहा है.

कर्नाटक नेतृत्व पर हाईकमान की नजर

करीब तीन सप्ताह पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संकेत दिए थे कि कर्नाटक में नेतृत्व से जुड़े सवालों का समाधान पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा. उन्होंने साफ कहा था कि इस मुद्दे पर अंतिम फैसला ‘हाईकमान’ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और वे स्वयं मिलकर लेंगे. हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर कौन निर्णायक भूमिका निभाएगा.

रामलीला मैदान की रैली के बाद अहम बैठक

दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस की प्रस्तावित बड़ी रैली के बाद यह बैठक संभावित मानी जा रही है. पार्टी से जुड़े नेताओं का कहना है कि समय भले ही सीमित हो, लेकिन यदि यह बैठक होती है तो कर्नाटक में चल रही सियासी खींचतान को थामने की दिशा में इसे बड़ा कदम माना जाएगा. कांग्रेस नेतृत्व फिलहाल किसी भी तरह के सार्वजनिक विवाद से बचने की कोशिश में है.

पार्टी का आधिकारिक रुख

कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही पार्टी के वरिष्ठ और सम्मानित नेता हैं. अगर वे पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात करना चाहते हैं तो इसमें कोई असामान्य बात नहीं है. उनके बयान से यह संकेत मिलता है कि पार्टी इस मुलाकात को सामान्य राजनीतिक प्रक्रिया के तौर पर देखना चाहती है.

डीके शिवकुमार के इर्द-गिर्द बढ़ती चर्चाएं

इस बीच बेलगावी में चल रहे कर्नाटक विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान राजनीतिक हलचल और तेज हो गई है. डीके शिवकुमार ने अब तक सीधे तौर पर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को चुनौती नहीं दी है, लेकिन उनके समर्थकों के बयान लगातार अटकलों को हवा दे रहे हैं. हाल ही में कांग्रेस विधायक इकबाल हुसैन के उस बयान ने विवाद खड़ा कर दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि विधानसभा सत्र के बाद डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे.

रात्रिभोज बना चर्चा का विषय

डीके शिवकुमार द्वारा आयोजित एक रात्रिभोज में कई विधायक और मंत्री शामिल हुए. इसे शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है, हालांकि समर्थकों ने इस दावे को खारिज किया है. उनका कहना है कि सत्र के दौरान विधायकों का मिलना-जुलना सामान्य बात है. फिर भी, इस मुलाकात के बाद दिए गए बयानों ने नेतृत्व परिवर्तन की चर्चाओं को और तेज कर दिया है.

मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान

20 नवंबर को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के ढाई साल पूरे होने के बाद से यह बहस और मुखर हो गई है कि क्या मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल बांटा जाएगा. चर्चाएं हैं कि ढाई-ढाई साल का फार्मूला तय हुआ है, लेकिन न तो सिद्धारमैया, न शिवकुमार और न ही पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि की है. डीके शिवकुमार ने जरूर हाल में एक “गुप्त समझौते” का जिक्र किया था, जिससे सियासी रहस्य और गहरा गया.

दिल्ली रैली का राजनीतिक संदेश

दिल्ली में होने वाली कांग्रेस रैली ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ अभियान का हिस्सा है. इस रैली के जरिए कांग्रेस भाजपा और चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए आगामी राजनीतिक लड़ाइयों के लिए माहौल बनाने की कोशिश कर रही है. ऐसे में शीर्ष नेतृत्व की मौजूदगी और कर्नाटक के नेताओं से प्रस्तावित मुलाकात आने वाले दिनों में पार्टी की दिशा तय करने में अहम साबित हो सकती है.

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14 December 2025, 01:31 PM IST

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