अब 'गया' नहीं, 'गया जी' होगा! नीतीश कैबिनेट ने बदला नाम, 69 प्रस्तावों को मिली मंजूरी
Bihar Cabinet Decisions: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 69 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. इनमें सरकारी कर्मचारियों का डीए 2% बढ़ाना, गया जिले का नाम बदलकर 'गया जी' करना और शहीद जवान को 50 लाख की आर्थिक सहायता देना शामिल है.

Bihar Cabinet Decisions: बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में राज्य के विकास और जनहित से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए. कुल 69 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (डीए) में 2 प्रतिशत की वृद्धि, गया जिले का नाम बदलकर 'गया जी' रखना, और ऑपरेशन सिंदूर में शहीद जवान के परिजनों को 50 लाख रुपये की सहायता राशि शामिल हैं.
सरकार के इन फैसलों से न सिर्फ राज्य के कर्मचारियों को राहत मिली है, बल्कि आधारभूत संरचना, प्राकृतिक खेती, शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में भी सकारात्मक बदलाव की नींव रखी गई है. इन घोषणाओं से राज्य में प्रशासनिक और विकासात्मक कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है.
सरकारी कर्मचारियों को डीए में बढ़ोतरी का तोहफा
राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ते में 2 फीसदी की वृद्धि कर बड़ी राहत दी है. अब यह डीए 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया है. इसका सीधा लाभ लाखों सरकारी कर्मियों और पेंशनर्स को मिलेगा.
ऑपरेशन सिंदूर में शहीद जवान के परिजनों को 50 लाख
कैबिनेट ने ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए जवान को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. यह सहायता राशि शहीद के परिवार को सम्मान और सहयोग देने की दिशा में राज्य सरकार का सराहनीय कदम है.
गया अब गया जी कहलाएगा!
सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टिकोण से अहम माने जाने वाले जिले 'गया' का नाम अब बदलकर ‘गया जी’ रखने का फैसला लिया गया है. कैबिनेट ने इस नाम परिवर्तन को स्वीकृति दे दी है. यह कदम धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
104 नए पावर सब-स्टेशनों का निर्माण
राज्य में बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 104 नए पावर सब-स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा. इनमें दक्षिण बिहार में 43 और उत्तर बिहार में 61 सब-स्टेशन शामिल होंगे. ये सभी परियोजनाएं रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत होंगी. इस योजना में कुल 1576.52 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें 60:40 के अनुपात में केंद्र और राज्य की वित्तीय भागीदारी तय की गई है. केंद्र से 945.91 करोड़ और राज्य की ओर से 630.61 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे.
प्राकृतिक खेती को मिलेगा बढ़ावा
कैबिनेट ने राज्य में प्राकृतिक खेती को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए प्रत्येक क्लस्टर में दो कृषि सखियों की नियुक्ति को मंजूरी दी है. राज्य में कुल 800 कृषि सखियां चयनित की जाएंगी, जिन्हें हर महीने 16 दिन कार्य करना होगा. उन्हें प्रतिदिन 300 रुपये मानदेय और 200 रुपये यात्रा भत्ता मिलेगा.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी की पुण्यतिथि हर वर्ष 5 जनवरी को राजकीय समारोह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है.
जीविका दीदी को मिलेगी नई भूमिका और बैंक
राज्य सरकार जीविका दीदी के लिए एक अलग बैंक की स्थापना करेगी. इसके साथ ही प्रखंड और अंचल कार्यालयों की सफाई का कार्य भी अब जीविका दीदियों को सौंपा जाएगा.
पंचायत सरकार भवनों और आंगनबाड़ी केंद्रों को मंजूरी
कैबिनेट ने 900 ग्राम पंचायतों में पंचायत सरकार भवनों के निर्माण को मंजूरी दी है. इसके लिए 27 अरब रुपये की राशि स्वीकृत की गई है. साथ ही नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण को भी मंजूरी मिली है.
राज्य सरकार की नौकरियों में अब बिहार के मूल निवासी बेंचमार्क दिव्यांगों को ही क्षैतिज आरक्षण मिलेगा. सहकारिता विभाग में लिपिक पद के लिए 333 नए पदों के सृजन को स्वीकृति दी गई है.
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी फैसले
राज्य में कैंसर केयर अप रिसर्च सोसाइटी के गठन का निर्णय लिया गया है ताकि कैंसर रोगियों को बेहतर उपचार और रिसर्च सुविधाएं मिल सकें. साथ ही भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय (इमामगंज, समस्तीपुर और भोजपुर) के भवनों के पुनर्निर्माण का भी निर्णय लिया गया है. इसके अलावा, उद्द्यान प्रशिक्षण निदेशालय के गैर-तकनीकी पदों की नियमावली में संशोधन को भी मंजूरी दी गई है.


