तेलंगाना वासियों को केसीआर सरकार की सौगात, तालाबों का होगा सौन्दर्यीकरण- KTR
हैदराबाद का चेहरा बदल गया है। जीएचएमसी और ओआरआर में 155 तालाब हैं। दुर्गम झील के विकसित होने के बाद पर्यटक बड़ी संख्या में आ रहे हैं।
तेलंगाना के सर्वांगीण विकास के के लिए प्रदेश की बीआरएस सरकार प्रयासरत है। इसी सिलसिले में हैदराबाद समेत पूरे प्रदेश में तालाबों के संरक्षण पर सरकार जोर दे रही है। तालाबों का रख रखाव ठीक से हो और उसका सौन्दर्यीकरण हो सरकार इसके लिए अपनी योजना बना रही है। राज्य के आईटी और नगरपालिका प्रशासन मंत्री केटीआर ने साफ किया है कि जीएचएमसी के भीतर सभी तालाबों को सभी प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जा रहा है।
हम हैदराबाद में तालाब विकसित कर रहे हैं। केटीआर ने कहा कि हमने परिवार के जमावड़े के लिए तालाबों को विकसित करने का फैसला किया है। हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में के टी रामाराव ने कई निर्माण कंपनियों के साथ कॉन्ट्रैक्ट साइन किए। इस करार के मुताबिक जीएचएमसी के तहत 25 तालाबों और एचएमडीए के तहत 25 तालाबों को सीएसआर यानी कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी फंड से विकसित किये जाने की योजना है।
इस मौके पर केटीआर ने कहा कि हैदराबाद शहर का इतिहास 440 साल से भी ज्यादा पुराना है। हैदराबाद में 1908 में जब मुसी नदी में बाढ़ आई थी तब तत्कालीन निजाम ने मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया से फोन कर बात की थी। उन्होंने विश्वेश्वरैया से इस शहर को बेहतर बनाने के लिए एक इंजीनियरिंग योजना देने को कहा था। उस क्रम में हिमायत सागर और उस्मान सागर का विकास हुआ था। गांधीपेट 1920 में बनकर तैयार हुआ था।
उन्होंने बताया कि हम जुलाई तक हैदराबाद में 100 प्रतिशत सीवेज का ट्रीटमेंट करेंगे। केटीआर ने दोहराया कि हैदराबाद का चेहरा बदल गया है। जीएचएमसी और ओआरआर में 155 तालाब हैं। दुर्गम झील के विकसित होने के बाद पर्यटक बड़ी संख्या में आ रहे हैं। कई फिल्मों की शूटिंग भी हो चुकी है। जिन हस्तियों ने हाल ही में हैदराबाद का दौरा किया है वे भी अचरज भरी निगाह से हैदराबाद को निहारते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें इसे अपने बच्चों के भविष्य में निवेश के रूप में सोचना चाहिए। हैदराबाद में अधिकांश तालाब निजी स्वामित्व में हैं। तालाबों में निजी जमीन के मालिकों को हम कहीं और जमीन दे रहे हैं। केटीआर ने सुझाव दिया कि एक ठोस योजना तैयार की जानी चाहिए और उसे लागू किया जाना चाहिए।